इन्दौर | मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्र में इस वित्तीय वर्ष में पहली बार बिजली की मांग 5200 मैगावाट के पार दर्ज की गई है। राज्य शासन के निर्देशानुसार मांग के अनुरूप 9 करोड़ 30 लाख यूनिट बिजली की आपूर्ति की गई है।
मप्रपक्षेविविकं के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि रबी की सीजन के दौरान अब सिंचाई कार्य में तेजी आने से मांग में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। गुरूवार को बिजली की अधिकतम मांग 5220 मैगवाट दर्ज की गई। तोमर ने बताया कि मांग के अनुरूप ही पिछले चौबीस घंटे के दौरान 9 करोड़ तीस लाख यूनिट बिजली की आपूर्ति की गई। प्रबंध निदेशक तोमर ने बताया कि पिछले चौबीस घंटे में इन्दौर जिले में 1.40 करोड़ यूनिट बिजली की आपूर्ति की गई है। धार जिले में 1.30 करोड़ यूनिट, उज्जैन जिले में 1.10 करोड़ यूनिट, देवास में 88 लाख यूनिट, खरगोन में 81 लाख यूनिट, रतलाम में 66 लाख यूनिट बिजली वितरित हुई है। अन्य जिलों में 24 लाख से 60 लाख यूनिट तक बिजली आपूर्ति हुई। उन्होंने बताया कि वर्तमान में रबी सीजन की मांग सबसे ज्यादा है, औद्योगिक मांग भी पर्याप्त है, साथ ही व्यापारिक क्षेत्र व घरेलू मांग में भी सामान्य स्थिति है। इसी कारण कुल बिजली मांग बढ़ी हुई है। प्रबंध निदेशक ने बताया कि सभी 15 जिलों में रबी सीजन के लिए विभागीय तैयारी की गई है, ताकि मांग के अनुरूप सिंचाई के लिए बिजली प्रदान की जा सके। नवंबर अंत तक मांग में अभी और भी बढ़ोत्तरी की संभावना है।
:: अब तक 1396 करोड़ यूनिट आपूर्ति ::
मप्रपक्षेविविकं के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में 1 अप्रैल से 10 नवंबर तक कंपनी क्षेत्र में कुल 1346 करोड़ यूनिट बिजली वितरित हुई थी। इस वर्ष समान अवधि में यह आपूर्ति 50 करोड़ यूनिट बढ़कर 1396 करोड़ यूनिट हो गई है।