रख मन में विश्वास

विश्वास में छुपा एक शब्द,वो सबकी आस। 

सब रहेंगे आसपास ,अगर ना टूटा विश्वास।

हर रिश्ते को, जिसने बांध रखा आज तक,

एक वो  रिश्ता, जग में बना है आज खास।

यह विश्वास जो डगमगा ,चेहरे होंगे उदास।

मातम सा माहौल होगा, प्रभु न होगा वास। 

टूटने से पहले जोड़ ले, डोर तू विश्वास की,

खून के रिश्ते ना टूटे, जब तक रहे विश्वास।

जीवन की पूंजी बड़ी, तू मान इसको खास।

अपनापन देखकर जीत,तू सबका विश्वास। 

निराशा के घोर भंवर, एक दिन छट जाएंगे,

जुड़े रहना एक दूजे से,रख मन में उल्लास।

सुनहरा सूर्य उदित होगा,जो रखी तुने आस। 

तब होगी बुनियाद मजबूत, ना हो तू उदास।

कातर बन ना रह,अब छोड़ दे अवसाद सारे,

मंजिल तेरे कदम चूमेगी,रख मन में विश्वास।

वीणा वैष्णव रागिनी

    राजसमंद

   ‌ राजस्थान