इन्दौर। स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर को राष्ट्रीय स्तर पर ‘सफाई मित्र सुरक्षा’ के साथ लगातार पांचवीं बार सबसे ‘स्वच्छ शहर’ के पुरस्कार से सम्मानित किया जाना न सिर्फ हर्ष बल्कि गर्व का विषय है। लगातार पांच बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बनना इंदौर के जन प्रतिनिधियों, नगर निगम, स्थानीय प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ यहां के निवासियों की जिम्मेदारी को और बढ़ाता है। जिम्मेदारी इस रूप में कि हम अपने शहर की स्वच्छता को इसी रूप में बरकरार रखें साथ ही साथ उसे अगले स्थान पर ले जाएं ताकि देश के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब अगली बार भी इंदौर की ही झोली में गिरे। स्वच्छ शहर के लिहाज से ‘पंच’ लगाने के बाद यदि क्रिकेट की शब्दावली में अगर इन्दौर को स्वच्छता का ‘सिक्स या छक्का’ लगाना है तो हमें शहर की ‘हवा की गुणवत्ता’ पर काम करना होगा।
पूर्व के वर्षों में इन्दौर ने खुले में बहने वाले नालों, सीवरेज आदि पर अर्थात जमीन के निचले हिस्से को स्वच्छ करने की दिशा में काम किया। उसके बाद जमीनी स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया। जमीन और उसके निचले हिस्से के स्तरों में विशिष्ट सफलता के बाद अब हमें जमीन के ऊपरी हिस्से यानी ‘वायु की गुणवत्ता’ पर ध्यान देना होगा। इसमें कोई दो राय नहीं कि एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स के लिहाज से इंदौर की वायु की गुणवत्ता बेहतरीन है किंतु कई मौकों पर शहर के कई स्थानों की वायु गुणवत्ता बिगड़ जाती है जिस पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है। इंदौर को छठवीं बार भी स्वच्छ शहर का पुरस्कार मिले इसके लिए वायु गुणवत्ता की दिशा में पहल की जाएगी। जन प्रतिनिधियों के अलावा नगर निगम के वार्डों से जानकारी लेने के बाद अगर कुछ कठिन व कठोर निर्णय करने की आवश्यकता हुई तो उन्हें भी किया जाएगा। मुझे पूरा विश्वास है कि जिस तरह इंदौर के जन—जन ने नदियों, स्थलों के अलावा बाजारों और सार्वजनिक जगहों को स्वच्छ बनाने में अहम भूमिका निभाई है आगे भी उसका निवर्हन करते रहेंगे।