“परीक्षा”

एक बड़े प्रतापी राजा थे। बहुत से युद्ध करके उन्होंने नाम कमाया था। प्रजा का भी बहुत खयाल रखते थे इसलिए सभी उन्हे बहुत प्रेम करते थे। एक रात राजा अपने शयनकक्ष में गहरी नींद में सो रहे थे। अचानक उनकी आंख खुली तो एक बालक हाथ में तलवार लेकर उनके उपर चलाने की मुद्रा में खड़ा हुआ था। राजा तुरंत बिस्तर से उठ खड़े हुए। उनके उठते ही बालक ने उनके उपर तलवार से प्रहार करना चाहा किंतु राजा का अंगरक्षक कक्ष में आ गया । उसने उस बालक को पकड़कर सिपाहियों के हवाले कर दिया। 

अगले दिन भरी सभा में उस बालक को राजा के सामने प्रस्तुत किया गया। सभी का विचार था कि बालक को कड़े से कड़ा दंड दिया जाना चाहिए। राजा सोच में थे। सबकी राय जानने के बाद उन्होंने बालक से प्रश्न किया ,”तुम मुझे क्यों मारना चाहते थे ?” बालक ने मासूमियत से उत्तर दिया ,” क्योंकि आपके ही कारण मेरे पिता की जान गई है। आप मेरे पिता के कातिल हो।” राजा बालक की बात सुनकर चौंके ,” मैंने तुम्हारे पिता की जान ली है ?” उन्होंने प्रश्न किया। बालक ने तत्परता से उत्तर दिया ,” आपको ही विश्व विजयी होने का चाव है। मेरे पिता आपकी सेना में थे। पिछले युद्ध में  वो वीरगति को प्राप्त हो गए। मैं और मेरी मां का अब कोई सहारा नहीं है।” राजा को सुनकर बहुत दुख हुआ और पछतावा भी। उन्होंने बालक को अपने पास बुलाया और पूछा ,” अच्छा बताओ तुमने सोते समय मुझे क्यों नहीं मार दिया ?” बालक का चेहरा तमतमा गया ,” मैं कायर नहीं हूं। मैं सोते हुए आपको नहीं मार सकता था। आपके उठने की प्रतीक्षा कर रहा था। आपका अंगरक्षक नहीं जागता तो मैं आपको मार चुका होता।” नफरत उसके शब्दों से टपक रही थी। राजा ने उस बालक के बंधन खोलने का इशारा किया।,” क्या तुम मेरी सेना में भर्ती होना चाहोगे ? मैं तुम्हे विश्वास दिलाता हूं कि आज से मेरी सेना केवल देश की रक्षा के लिए ही युद्ध करेगी विश्व विजय के लिए नहीं।” बालक को अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ। दरबार में उपस्थित सभी लोग हैरान थे। सेनापति भी आश्चर्यचकित था। राजा ने अपनी बात स्पष्ट करते हुए कहा ,” यदि मैं इस बालक को दंड देता हूं तो अपने देश से एक वीर सैनिक को छीन लूंगा। इसने अपने पिता की मृत्यु का कारण मानते हुए अनजाने में मुझ पर वार किया लेकिन मैं सब कुछ जानते हुए इसे दंड देकर अपना व्यक्तिगत बदला नहीं लेना चाहता हूं।” राजा की बात सुनकर बालक दौड़कर उनके चरणों में गिर गया और अपनी गलती की क्षमा मांगी।

अर्चना त्यागी

व्याख्याता रसायन विज्ञान

एवम् कैरियर परामर्शदाता

जोधपुर ( राज.)