विधायक ने सफाई के कर्मवीरों के अल्प वेतन का मुद्दा उठाया, तो समर्थन में बजी तालियॉं

इन्दौर । स्वच्छता में लगातार पॉंचवीं बार इन्दौर को देश के नम्बर-वन शहर का ‘तमगा’ दिलाने वाले ‘सफाई के कर्मवीरों’ के लिए आयोजित सम्मान कार्यक्रम में भाजपा विधायक महेन्द्र हार्डिया ने जब मंच से नगर निगम के मस्टरकर्मियों विशेषकर ‘अस्थाई सफाई कामगारों’ के अल्प वेतन का मुद्दा उठाया, तो ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में उपस्थ‍ित 10 हजार से अध‍िक निगमकर्मियों ने एक साथ तालियॉं बजाकर इस बात का समर्थन किया।
कार्यक्रम में सांसद शंकर लालवानी, पूर्व महापौर व विधायक मालिनी गौड़, विधायक रमेश मैंदोला, आकाश विजयवर्गीय, संभाग कमिश्नर पवन शर्मा, कलेक्टर मनीष सिंह, निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल, भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव रणद‍िवे सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में शहर के सफाई के कर्मवीरों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विधायक हार्ड‍िया ने कहा कि शहर की स्वच्छता में मुख्य भूमिका निभाने वाले ‘सफाई के कर्मवीर’ सुबह 5 बजे उठकर अपने काम पर लग जाते है, इन्हें साप्ताहिक अवकाश भी नहीं मिलता। आज भी 6-7 हजार रू. प्रति माह की ‘पगार’ पर अपना गुजारा करते है, इनका भी परिवार है, इनके भी बच्चे है। इनके बारे में हमें (सरकार को) सोचना चाहिये। हार्डिया ने यह भी कहा कि स‍िर्फ सम्मान ही काफी नहीं है, इसके साथ प्रोत्साहन राश‍ि भी इन्हें दी जानी चाहिये। इसके पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय ने कहा कि महिला सफाईकर्मी सुबह जल्दी घर से निकलती है और देर तक काम करती है। ऐसे में इन्हें अपने घरों के 3 कि.मी. के दायरे में ही पदस्थ किया जाना चाहिये।
उल्लेखनीय है कि नगर निगम इन्दौर में सफाईकर्मियों सहित करीब 12 हजार से अध‍िक मस्टर श्रमिक और 4 हजार के आस-पास विनियमित कर्मचारी है, जिन्हें नियमित कर्मचारियों के मुकाबले बेहद कम वेतन मिलता है और वो लम्बे समय से अपने नियमितीकरण की प्रमुख मॉंग पूरी होने की आस लगाए कर्मचारी यूनियनों की निष्क्रियता और भाजपा के चुनावी संकल्प पत्र के साथ ही मुख्यमंत्री की ‘घोषणा’ पर अमल करने में बाधक बन रहे ‘तथाकथ‍ित लोगों’ को कोसते रहते है। विदित है कि प्रदेशभर में नगरीय निकाय चुनावों लड़ने की घोषणा करने वाली आम आदमी पार्टी ने भी पिछले दिनों मस्टरकर्मियों के नियमितीकरण का मुद्दा उठाते हुए निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन किया था, उन्होंने निगम कमिश्नर को ज्ञापन देते हुए मॉंग की थी कि जब तक इन मस्टर कर्मचारियों को नियमितीकरण नहीं कर दिया जाता, तब तक इन्हें कम से कम 20 हजार रू. वेतन दिया जाये।