नई दिल्ली । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि हिंदुओं के बिना भारत नहीं है और भारत के बिना हिंदू नहीं हैं। उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि भारत और हिंदुओं को अलग नहीं किया जा सकता है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि हिंदुओं के बिना कोई भारत नहीं है और भारत के बिना कोई हिंदू नहीं है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि ‘हिंदुस्तान’ एक हिंदू राष्ट्र है जिसका उद्गम हिंदुत्व था तथा हिंदू एवं भारत अविभाज्य हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू यदि हिंदू बने रहना चाहते हैं तो भारत को ‘अखंड’ बनना ही होगा। भागवत ने मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ”हिंदुस्तान एक हिंदू राष्ट्र है और उसका उद्गम हिंदुत्व था । हिंदू भारत से अविभाज्य हैं और भारत हिंदू से अविभाज्य है।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि भारत को अपनी पहचान बनाये रखनी है तो उसे हिंदू बने रहना होगा तथा हिंदू यदि हिंदू बने रहना चाहते हैं तो भारत को ‘अखंड’ बनना ही होगा। संघ प्रमुख ने कहा, ‘इतिहास गवाह है कि जब भी हिंदू ‘भाव’ (पहचान) को भूले, देश के सामने संकट खड़ा हो गया और वह टूट गया लेकिन अब (हिंदू का) पुनरूत्थान हो रहा है तथा भारत की प्रतिष्ठा वैश्विक रूप से बढ़ रही है। दुनिया भारत को निहार रही है और उसके लिए समाज के सभी वर्गों को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘यदि भारत को भारत बने रहना है तो उसे हिंदू बने रहना होगा और यदि हिंदू हिंदू बने रहना चाहते है तो भारत को अखंड होना ही होगा। यह हिंदुस्तान है जहां हिंदू रह रहे हैं और अपनी परंपराओं का पालन कर रहे हैं। जिस किसी बात को हिंदू कहा जाता है, उसका विकास इसी भूमि में हुआ।’ भागवत ने कहा कि हिंदुओं के बिना भारत नहीं है और भारत के बिना हिंदु नहीं है। उन्होंने कहा, ‘भारत का विभाजन हुआ और पाकिस्तान बना क्योंकि हम उस भाव (पहचान) को भूल गये कि हम हिंदू हैं। और इसे मुसलमान भी भूल गये। ब्रिटिश ने हिंदुत्व की पहचान को तोड़ दिया तथा भाषा एवं धर्म के आधार पर बांट दिया।