नई दिल्ली । इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा कोरोना वायरस के नए स्वरूप (वैरिएंट) से जुड़ी खबरों से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। पिछले शुक्रवार को कोरोना वायरस के अधिक तेजी से बढ़ने वाले स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ से जुड़ी खबरों से वैश्विक बाजारों में गिरावट आई थी और भारतीय बाजार भी इससे अछूते नहीं रहे थे। विश्लेषकों का कहना है कि इसके अलावा वृहद आर्थिक आंकड़ों तथा वाहन कंपनियों के नवंबर के मासिक बिक्री के आंकड़े भी बाजार को दिशा देंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक समिति ने नए कोविड स्ट्रेन को ओमीक्रोन का नाम दिया है। समिति का कहना है कि ओमीक्रोन डेल्टा की तरह ही संक्रमण का प्रसार करने वाला कोविड का स्वरूप है। डब्ल्यूएचओ को 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से अधिक संक्रामक ओमीक्रोन के बारे में सूचना मिली थी। बोत्सवाना, बेल्जियम, हांगकांग और इस्राइल में भी इसके मामले सामने आए हैं। कई देशों ने ओमीक्रोन के प्रसार को रोकने के प्रयास के तहत दक्षिणी अफ्रीकी देशों पर यात्रा प्रतिबंध और अंकुश लगाए हैं।
बाजार के जानकारों का कहना है कि कोविड के नए स्वरूप के अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों का रुख और वृहद आंकड़े इस सप्ताह बाजार की दिशा तय करेंगे। कोविड से संबंधित घटनाक्रम मुख्य रूप से बाजार के लिए महत्वपूर्ण होंगे। इसके अलावा बाजार की निगाह इस बात पर भी रहेगी कि कोविड के विभिन्न टीके इस नए स्वरूप के खिलाफ कितने प्रभावशाली हैं। दुनियाभर में अंकुश संबंधी खबरें भी बाजार को प्रभावित कर सकती हैं। नए कोरोनो वायरस वैरिएंट को लेकर चिंता के बीच शुक्रवार को सेंसेक्स 1,688 अंक टूटा था। साथ ही वैश्विक बाजारों में भी गिरावट आई थी। एक अन्य विशेषज्ञ ने कहा कि दूसरी तिमाही के नतीजों के बाद, दलाल स्ट्रीट की निगाह वृहद आंकड़ों पर रहेगी। रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक दिसंबर में होनी है, ऐसे में मुद्रास्फीति भी एक प्रमुख कारक रहेगा। नवंबर माह के वाहन बिक्री आंकड़े भी इस सप्ताह बाजार में उतार-चढ़ाव का एक कारण रह सकते हैं। इस सप्ताह विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के पीएमआई आंकड़े आने हैं। इसके अलावा आने वाले समय में शेयर बाजार की दिशा नए कोविड वैरिएंट से जुड़ी खबरों, मुद्रास्फीति के आंकड़ों और केंद्रीय बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक से तय होगी।