विधानसभा में ओबीसी मुद्दे पर कांग्रेस होगी आक्रामक
सरकारी उदासीनता से ओबीसी आरक्षण स्थगित
भोपाल । मप्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होगा। इससे पहले पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा गर्मा गया है। कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव लाकर ओबीसी को हर हाल आरक्षण देने की मांग की है। बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कमलनाथ ने कहा कि पिछड़ा वर्ग को लेकर पंचायत चुनावों में जो भांतियां उत्पन्न हुई हैं एवं मध्य प्रदेश सरकार की उदासीनता के कारण पिछड़े वर्ग के आरक्षण को ही सुप्रीम कोर्ट के द्वारा स्थगित कर दिया गया। जबकि याचिकाकर्ताओं ने तो सिर्फ आरक्षण में रोटेशन की मांग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने वह आदेश पारित किया जिसका याचिका में कोई उल्लेख ही नहीं था। मध्य प्रदेश कांग्रेस विधायक दल प्रदेश सरकार से यह मांग करते है कि वह विधानसभा में और अदालत में पिछड़े वर्ग के पक्ष को मजबूती से प्रस्तुत करें एवं कमलनाथ जी की सरकार में पिछड़े वर्ग को जो 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था उस आरक्षण को बहाल किया जाए। बहाली के आधार पर ही पंचायतों के चुनाव कराए जाएं। पार्टी ने कहा कि मध्य प्रदेश में ओबीसी के हितों की लड़ाई हमेशा से कांग्रेस पार्टी ने लड़ी है। 1980 में कांग्रेस पार्टी ने ही राम जी महाजन कमीशन बनाकर पिण्डा वर्ग के हितों की हिमायत की थी। प्रदेश में सबसे पहली बार 14 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने दिया गया था।
सत्र में अधिक से अधिक काम
विधानसभा अध्यक्ष के सभा कक्ष में हुई बैठक में पांच दिवसीय सत्र का अधिक से अधिक उपयोग करने पर चर्चा हुई। इस दौरान अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्नकाल के दौरान सदस्य लिखित प्रश्न पढ़ते हैं और संबंधित विभागीय मंत्री भी पुस्तक में दिए गए लिखित उत्तर को पढ़ते हैं। इसमें अनावश्यक समय लगता है और सभी सदस्यों को प्रश्न करने का मौका नहीं मिल पाता है। इसे ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था बनाई गई है कि प्रश्नकर्ता सीधे संबंधित विभागीय मंत्री से पूरक प्रश्न पूछेंगे और वे उसका उत्तर देंगे।