राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला 2014 से पहले लिंचिंग शब्द सुनने में भी नहीं आता था

नई दिल्ली । पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लिंचिंग को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने पंजाब और कुछ अन्य जगहों पर भीड़ द्वारा पीट-पीटकर कथित तौर पर मार डालने की घटनाओं को लेकर केंद्र सरकार को घेरा। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि साल 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार बनने से पहले ‘लिंचिंग’ शब्द सुनने में नहीं आता था। राहुल ने ट्वीट करते हुए हैशटैग ‘थैंक्यू मोदी जी’ लिखा। उन्होंने लिखा2014 से पहले ‘लिंचिंग’ शब्द सुनने में भी नहीं आता था बता दें कि गत रविवार को पंजाब के कपूरथला के निजामपुर गांव में एक गुरुद्वारा में सिख धर्म के ‘निशान साहिब’ का अनादर करने के आरोप में एक अज्ञात व्यक्ति को भीड़ ने पीट-पीटकर कथित तौर पर मार डाला। वहीं इससे पहले अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में शनिवार को कथित बेअदबी के चलते भीड़ ने एक अन्य व्यक्ति की पीट-पीट कर जान ले ली थी। राहुल गांधी के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए, बीजेपी के आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा, “सिखों के खून-खराबे को सही ठहराते हुए मॉब लिंचिंग के जनक राजीव गांधी से मिलें। कांग्रेस सड़कों पर उतरी, ‘खून का बदला खून से लेंगे’ जैसे नारे लगाए। महिलाओं के साथ बलात्कार किया, सिख पुरुषों के गले में जलते टायर लपेटे, नालों में फेंके जले हुए शवों को कुत्तों ने खाया।” मालवीय ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का एक वीडियो भी शेयर किया। एक और ट्वीट में, मालवीय ने कहा, “अहमदाबाद (1969), जलगाँव (1970), मुरादाबाद (1980), नेल्ली (1983), भिवंडी (1984), दिल्ली (1984), अहमदाबाद (1985), भागलपुर (1989), हैदराबाद (1990), कानपुर (1992), मुंबई (1993)… यह एक छोटी सी लिस्ट है जिसमें नेहरू-गांधी परिवार की निगरानी में 100 से अधिक लोग मारे गए।” गौरतलब है कि कांग्रेस शासित झारखंड सरकार मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए एक विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। ‘लिंचिंग रोकथाम’ विधेयक का मसौदा तैयार कर लिया गया है। विशेष रूप से, पश्चिम बंगाल और राजस्थान की विधानसभाएं पहले ही इसी तरह का विधेयक पारित कर चुकी हैं।