————————————–
हमें पता हैं…
तुम क्या करते हो?
जब चुनाव आता हैं…
तो कोरोना लाते हो
शिक्षा के मंदिर
बंद करके
हमें जिस्म से नहीं
दिमाग से अपाहिज…
बनाते हो…
अपना उल्लू सीधा
करने को…
जन जन में
नफरत का जहर…
घोलतें हो…
देश की एकता,
अखण्डता
सभ्यता और संस्कृति
मिटाने को…
छद्म चोला
हिन्दू बनते हो…
धर्म के नाम पर
सता की
रोटियां सेकते हो
असल में
धर्म का मर्म …
नहीं जानते हो…
इंसानों को मारकर
तुम धर्म रक्षा की
बात करते हो… !!
– नरपत परिहार ‘विद्रोही’
वणधर , जालोर (राजस्थान)