शीर्षक-गणतंत्र सच्चा मंत्र
गणतंत्र राष्ट्रीय पर्व नहीं,
जनमन के हृदय का त्यौहार है|
बच्चा बच्चा शीश नवाए,
संयम जीवन का आधार है ||
सर्वोपरि देश हित अपना,
गणतंत्र का यही मंत्र है |
अधिकार ही आधार नहीं है,
कर्तव्य पहले सशक्त है||
आजादी का अर्थ यही है ,
सच्चा गणतंत्र बने ये देश|
राम राज्य स्थापित हो तब,
बने भारत गणतांत्रिक देश||
यही सफलता है भारत की,
ऊँच नीच ना भेद भाव हो|
मानव से मानव का रिश्ता,
एक मानवीयता प्रधान हो||
जीवन में गणतंत्र बड़ा है ,
व्यक्ति जिसका आधार है|
किन्तु क्या दे पाया जग को,
कर्म प्रधान इसका सार है||
यही सिखाता गणतंत्र हमें है,
अधिकार अवश्य मिल जाएगें|
पहले पूर्ण कर्तव्य करो,
सम्मान स्वयं मिल जाएगें||
हम संयमित भारत संयमित,
आजादी कर्तव्य बने|
गण तंत्र का सच्चा मंत्र यही,
नागरिकता सच्ची पहचान बने||
.डॉ निशा पारीक जयपुर राजस्थान