तिरंगे की सुरक्षा में, ये फौजी जान देते हैं।
अरि देखे जो भौं ताने, तो सीना तान लेते हैं।
भारत माँ जो उनकी है, बड़ी प्राणों से प्यारी,
दिलों में देशभक्ति का, खिला अरमान रखते हैं।
दिखाया शौर्य वीरों ने, छुड़ाया माँ की बेड़ी।
मिली है जो ये आजादी, बड़ी थी राह टेढ़ी।
गिरफ्तारी भी दी हँस के, मरे वो देश हित में
उन्हीं से है खड़ा भारत, बढ़ी आगे की पीढ़ी।
लहराए तिरंगा जो, तो सीने भूल जाते हैं ।
भारत माँ के कदमों में, शीश अपना झुकाते हैं।
जाते हैं समंदर पार, विदेशों की ज़मीं पर जब,
वतन मेरा, मेरी धरती, बहुत ही याद आते हैं।
वतन मेरा अमन चाहे, यही छोटी सी ख्वाहिश।
लगन से देश सेवा हो, ये उसकी है गुजारिश।
नहीं ऊँचा किसी का धर्म, अपने देश हित से,
धर्म की ओट लेकर के, नहीं करना कोई साजिश।
न झुकने देंगे सर इसका, हम यह ठान लेते हैं।
पूरे जग में भारत की, नई पहचान रखते हैं।
कोई पूछे अमन व चैन, धरती पर कहीं है क्या?
बड़े ही फक्र से हम तो, हिंदुस्तान कहते हैं।
शिप्रा सैनी(मौर्या) जमशेदपुर