लिख पन्नों पर
उतार स्याही से
गर बताया किसी को
लगाएंगे ठहाके कोई
कोई बनाएगा बात
होगा ना खड़ा साथ
मत बांट बेचैनी
बढ़ा देंगे उसे और
दिल को तसल्ली दे
ना देख रहा किसी की
कहीं दिल ना टूटे बार-बार
है एक पक्का साथी
कलम और शीशा तेरे संग
ना बताएंगे ,ना बनने देंगे मजाक,
तेरी गरीबी ,मजबूरियों का
कहीं तेरी कमजोरियों पर
ना तोड़ेंगे दिल तेरा
मत बता दुख -दर्द किसी को
बना ले कलम को ढाल अपनी
बता दे दुख अपना शीशे को
सीमा रंगा इन्द्रा
हरियाणा