अखिलेश यादव की लाल पोटली का जेपी नड्डा ने ऐसे दिया जवाब

शाहजहांपुर । यूपी विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है। जाट और किसान वोटों को साधने में जुटी दोनों पार्टियां तमाम हथकंडे अपना रही है। एक दूसरे पर आरोप लगा रही है और खुद को उनका हितैषी बता रही है। आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर में कैमरे के सामने लाल पोटली दिखाई और एक बार फिर अन्न शपथ की याद दिलाकर खुद को किसानों का सबसे बड़ा हितैषी बताया तो दूसरी ओर बीजपी प्रमुख जगत प्रकाश नड्डा ने किसान हितैषी योजनाओं का फिर से बखान करके पुरानी यादें बातें याद दिलाने की कोशिश की। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को शाहजहांपुर और बरेली में घर-घर जाकर प्रचार कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी के चुनाव प्रचार को गति दी। नड्डा ने किसानों का समर्थन हासिल करने के लिए दोनों जिलों में आयोजित ‘प्रभावी मतदाता संवाद’ में केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई किसान हितैषी योजनाओं का फिर से बखान किया। नड्डा ने शाहजहांपुर में किसान कार्ड भी खेला। शहाजहांपुर की सीमा लखीमपुर खीरी से लगती है, जहां पिछले साल 3 अक्टूबर को किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। ये घटना उस वक्त की है जब किसान तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इस घटना में केंद्रीय मंत्री अजय टेनी के बेटे आरोपी हैं। इन दोनों जिलों की विधानसभा चुनाव में किसान वोट काफी अहम हैं। ये कहना गलत नहीं होगा कि इस सीट पर उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने में किसानों का समर्थन निर्णायक होगा। नड्डा ने कहा कि आम चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी कर्जमाफी का वादा करती थी लेकिन बीजेपी ने पीएम किसान सम्मान निधि की शुरुआत की और देश भर के 10.50 करोड़ किसानों के खातों में पैसा जमा किया गया। यूपी में दो करोड़ किसानों के खातों में 41,000 रूपये करोड़ जमा किए गए। नड्डा ने कहा कि मोदी सरकार ने उर्वरकों पर 140% सब्सिडी दी है और उर्वरक बैग की कीमत 2400 रूपये से घटाकर रूपये 1,200 रूपये कर दी गई है। देश में 11 करोड़ से अधिक किसान पीएम फसल बीमा योजना के तहत पंजीकृत हैं, जबकि यूपी में 2.70 करोड़ किसान इस योजना से जुड़े हैं। यूपी में 3.70 करोड़ किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किया गया है। नड्डा ने कहा कि यूपी में 45 लाख किसानों को पेंशन मिल रही है जबकि किसानों के 36,000 करोड़ ऋण माफ किए गए हैं। योगी सरकार ने गन्ना किसानों को ₹ 1.40 लाख करोड़ का भुगतान किया है। सपा और बसपा की सरकारों में चीनी मिलें बिकीं और बंद हो गईं, लेकिन योगी सरकार में नई चीनी मिलें स्थापित हुई हैं और किसानों को बिजली आपूर्ति में 50 फीसदी की छूट मिल रही है। आज यूपी फसल उत्पादन में नंबर वन है।