प्रश्नचिन्ह

कुछ प्रश्नचिन्ह 

कितने अटल हैं

समय की छाती पर। 

जब बुधिया दबकर मर गई,

किसी पटेल की ट्राली में।

धनुआ की सांसे थम गई,

मेड़ की घास छीलते।

कुछ पातरें बिछी गलियारे में,

कुछ दहलानों में,कुछ आँगन में। 

कुछ जूते पैर में,कुछ शीश पर,

कुछ पैर ही जूता हो गए।

घड़ा बनाने वाला हाथ,

गिलास ना डोब सका उसी घड़े में।

समय,प्रश्न चिन्ह पर कब लगेगा पूर्णविराम ?

सजल