संगीत आत्मा की पुकार है।
संगीत परमात्मा की पूजा है।
संगीत सत्यम शिवम सुंदरम है।
संगीत स्तुति और अरदास है।
संगीत शारदे की आवाज है।
संगीत परमात्मा का साधना है।
संगीत परमात्मा से मिलन है।
संगीत जीव-जगत का उद्धार है।
संगीत शांति,शीतल छाँव है।
संगीत जीवन का ठहराव है।
संगीत आनन्द और उल्लास है।
संगीत ब्रम्हनाद,अनहदनाद है।
संगीत वीणा मधुर झंकार है।
संगीत गीत नृत्य वाद्य संगम है।
संगीत अंधरे में शुभ्र प्रकाश है।
संगीत रजनी का सुप्रभात है।
संगीत परमात्मा का आशीष है।
संगीत कवित्त छंद वेद शास्त्र है।
संगीत साहित्य रसों का सार है।
संगीत तान-सुर-लय-ताल है।
संगीत सरगम का नव राग है।
संगीत जीवन का प्रकाश है।
संगीत जीवन का अनुराग है।
अशोक पटेल”आशु”
व्याख्याता-हिंदी
शिवरीनारायण(छ ग)