सर्वशक्तिमान गरुड़ (फैसल खान) और उनकी माँ के बीच नि:स्वार्थ प्यार की कहानी दिखाने के लिए, पौराणिक गाथा ‘धर्म योद्धा गरुड़’ लेकर आया है, जिसमें अनदेखी और अनसुनी कथाएं और चरित्र हैं ।अपनी ही बहन कदरू (पारूल चौहान) की दासता की बेड़ियों में जकड़ीं विनता (तोरल रसपुत्रा) अपने दुर्भाग्य के बंधन में हैं। लेकिन गरुड़ के दिल और आत्मा में उनकी माँ बसी हैं और वे सर्पों की माता कदरू के चंगुल से अपनी माँ को मुक्त करना अपना निजी मिशन बना लेते हैं।
गरुड़ का जन्म सभी जीवित प्राणियों के जनक महान ऋषि कश्यप और विनता के पुत्र के रूप में हुआ था। ऋषि कश्यप अपने बच्चों से निराश थे, क्योंकि एक ओर जहां असुर देवताओं के विरूद्ध षड्यंत्र रचने में व्यस्त थे, वहीं दूसरी ओर देवता अपने उद्देश्य से भटक गये थे और शक्ति के मद में चूर थे। तब ऋषि कश्यप ने भगवान ब्रह्मा से प्रार्थना की कि उन्हें संपूर्ण व्यक्तित्व वाला पुत्र चाहिये और फिर गरुड़ का जन्म हुआ, जो पक्षियों के राजा हैं।