ईश वन्दना

हे! ईश दयावान हमें बुद्धि दो’ बल दो

हो शीश पे’ आशीष हमें ज्ञान-विमल दो

कर दूर सभी द्वेष मलिन भाव हृदय से

प्रभु! काट तमस बंध हृदय ज्योति धवल दो

सुर-साज नया ताल नया राग नया रव

प्रभु! छंद नया गान मृदुल कंठ नवल दो

प्रभु! ध्यान रहो नित्य व अधरों पे’ हमारे

निज भक्ति भरे भाव के’ नव गीत-ग़ज़ल दो

हिय बाग में’ नित पुष्प खिलें रंग-बिरंगे

प्रभु! उर के’ सरोवर में’ नया नेह कमल दो

दारिद्र्य सभी दुःख-कलुष-भेद मिटाकर

प्रभु! शांति सुखद ठाँव व आनंद के’ पल दो

मद आँधियों’ का तोड़ सभी विघ्न मिटाएँ

तन-मन में’ सहनशक्ति प्रभो! धैर्य अटल दो

प्रभु! राष्ट्र के’ रक्षार्थ न पग पीछे’ रखें हम

भय ताप से’ अरि पाएं’ हृदय मे वो’ अनल दो

रामबली गुप्ता,ग्राम-कोठा,

पोस्ट-सोहनपुर,जिला-देवरिया,

उ०प्र०-9648788412