तब मत कहना तुमने चेताया नही! 

हसदेव के जंगलो

को मत छेड़ो, वरना बस्तर

का मोंगली आ जाएगा,

वो हसदेव के उस

घनघोर जंगलो में

जांजगीर चांपा – कोरबा के

वन मंडल क्षेत्रों में

कही विचरण कर रहा होगा।  

वो अपने मित्र टेम्बो को

ढूंढते-ढूंढते जरूर आएगा!

वो अपने साथियों के

अधिकार पर लड़ने,

जल जंगल जमीन की

रक्षा करने वो जरूर आएगा!

जब वो आएगा तब पवन

नहीं आंधी आएगी

तब वो आवाज नही देगा

वो सीधा दहाड़े गा…

तब मत कहना तुमने

चेताया नही!

वो अपनी जल जंगल जमीन की

रक्षा करने जरूर आयेगा

चेंदुरु जरूर आएगा….

उस सोना खान के भूमि से

फिर सोना उगलेगा

जब जब जल जंगल

जमीन की बात होगी

वो वीर नारायण सिंह  

तब तब वो वीर

जरूर आएगा…  

हसदेव के उस वादियों में

कहीं दूर से आएगा

वीर गुंडाधुर

जब सनन सनन चलेगी

उसके तलवार की धार

तब मत कहना तुमने

चेताया नही!

तब फिर भूमकाल विद्रोह

होगा, जब हसदेव जंगल

के लिए दंगल होगा

तब मत कहना तुमने

चेताया नही!

उत्कर्ष कुमार सोनबोइर

राजीव नगर वार्ड २९ सेक्टर ११ 

खुर्सीपार भिलाई दुर्ग

छत्तीसगढ़