त्रिस्तुतिक जैन श्वेताम्बर समाज के नए मंदिर का प्रतिष्ठा महोत्सव 1 जून से

इन्दौर । पुण्य सम्राट जैनाचार्य श्रीमद विजयजयंत सेन सुरीश्वर म.सा. की प्रेरणा से धार रोड स्थित श्री राज राजेन्द्र जयंत सेन धाम पर आकार ले रहे नव निर्मित चितांमणी पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर जिनालय के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की आमंत्रण पत्रिका का मुहूर्त कुंवर मंडली स्थित राजेन्द्र आराधना भवन पर हर्षोल्लास के साथ किया गया। धार रोड पर मकराना मार्बल से पांच हजार वर्गफीट में श्वेताम्बर जैन जिनालय का निर्माण किया गया है।
श्री संघ के प्रतिष्ठा संयोजक सोहनलाल पारेख एवं सचिव अनिल सकलेचा ने बताया कि मंदिर के मूल नायक 23वें तीर्थंकर चिंतामणी पार्श्वनाथ भगवान होंगे। उनकी तीन फुट ऊंचाई की संगमरमर की पद्मासन मूर्ति का निर्माण जयपुर में किया गया है। इस तीर्थ स्थल की प्रेरणा 22 वर्ष पहले आचार्य जयंत सेन सूरीश्वर म.सा. ने इन्दौर में अपने चातुर्मास के दौरान दी थी। उसके बाद करीब साढ़े 4 एकड़ भूमि धार रोड पर इस तीर्थ स्थल के लिए खरीदकर यहां निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया, जो अब बनकर तैयार हुआ है। इसका पांच दिवसीय प्रतिष्ठा महोत्सव 1 जून से प्रारंभ होगा। आचार्य जयंत सेन सूरीश्वर म.सा. ससंघ सहित 30 मई को शहर में मंगल प्रवेश करेंगे। इस मंदिर में वासुपूज्य, पदमप्रभु, मुनि सुव्रतस्वामी, गौतम स्वामी की मूर्तियां भी प्रतिष्ठित की जाएंगी। थराद-मुंबई के समाजसेवी गगलदास लल्लूभाई दोशी परिवार ने इस मंदिर का निर्माण कार्य कराया है। नवनिर्मित मंदिर परिसर में 8 कमरों वाली धर्मशाला का निर्माण भी कराया गया है। साथ ही संतों के ठहरने के लिए संत निवास भी बनाया गया है। इसके अलावा वृद्धजनों के लिए मधुकर विहार का निर्माण भी किया जाएगा। इसका भूमि पूजन प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान होगा।
ट्रस्टी नीरज सुराणा ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियां प्रारंभ हो गई हैं। महोत्सव में 11 साधु-साध्वियों सहित प्रदेश के विभिन्न शहरों एवं कस्बों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी भाग लेने आएंगे। आमंत्रण पत्रिका मुहूर्त के अवसर पर त्रिस्तुतिक जैन श्वेताम्बर समाज के सुरेन्द्र जैन, नरेन्द्र बोहरा, सुरेन्द्र सुराणा, महेन्द्र जैन, वीरेन्द्र लुंक्कड़, रवि रांका, जिनेन्द्र जैन, डॉ. सुनील बांठिया, नरेन्द्र भटेवरा, रमेश श्रीश्रीमाल, तेजकुमार बम्बोरिया, दिनेश मेहता, पवन कोठारी, अरुण मेहता, नरेन्द्र राठौर आदि उपस्थित थे।