शो ‘पुण्यश्लोक अहिल्याबाई’ रानी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन का एक और प्रेरक अध्याय शुरू करने के लिए 8 साल का लीप ले रहा है, जहां अहिल्याबाई का एक संस्कार देने वाली मां से ज़िंदगी देने वाली मातोश्री बनने का सफर दिखाया जाएगा।एक्ट्रेस रेशम टिपनिस लीप के बाद द्वारका बाई की भूमिका निभाने के लिए सुखदा खांडकेकर से आगे की कमान संभालेंगी। मल्हार राव होल्कर की दूसरी पत्नी होने के कारण द्वारका बाई हमेशा असुरक्षित रही हैं। वो खंडेराव से प्यार करती हैं, लेकिन वो ये नहीं चाहतीं कि वो राजा का उत्तराधिकारी बने, इसलिए वो उसे गलत काम करने के लिए भटकाती हैं ताकि अंततः उनका दामाद गुनोजी भविष्य का राजा बन सके। लेकिन, अहिल्या के उनकी ज़िंदगी में आने के बाद, द्वारका की असुरक्षा और बढ़ जाती है और वो अहिल्या के खिलाफ सभी को भड़काती है। इतना ही नहीं, वो बड़ी चालाकी से खंडेराव को पार्वती से विवाह करने के लिए मना लेती है ताकि अहिल्या और खंडेराव के बीच गलतफहमी पैदा हो जाए।