भोपाल । प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से कई जिलों में जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नर्मदापुरम में तवा के कैचमेंट एरिया पचमढ़ी और बैतूल में बारिश के चलते तवा डैम के गेट खोलने पड़े। भोपाल के कलियासोत, केरवा और भदभदा डैम भी ओवरफ्लो हो गए हैं। मौसम वैज्ञानिक शैलेंद्र नायक ने बताया कि 22 अगस्त को प्रदेश के ज्यादातर जिलों में अति भारी, भारी और तेज बारिश होने की संभावना है। नर्मदापुरम में तवा डैम के 7, रायसेन के बारना के 6 और जबलपुर बरगी डैम के 17 गेट खोले गए हैं। नर्मदा नदी के जलस्तर में फिर से बढ़ोतरी होने लगी है। तवा और बारना डैम के पानी से सेठानी घाट पर 12 घंटे में 3 फीट पानी बढ़ा गया। रविवार शाम 5 बजे 949 फीट नर्मदा का जलस्तर था। सोमवार सुबह 5 बजे 952 फीट हो गया।
नर्मदापुरम में नर्मदा के सेठानी घाट पर तेजी से पानी बढ़ रहा है। सुबह से प्रति घंटा एक फीट जलस्तर बढ़ रहा है। 10 बजे जलस्तर 955.50 फीट था जो 11 बजे 957 फीट पानी पहुंच गया। नर्मदा खतरे के निशान से 10 फीट नीचे बह रही है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए कलेक्टर ने अधिकारियों के साथ बैठक की। निचली बस्तियों के लोगों को सुरक्षित स्थान और राहत कैंप पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेश की नदियां उफान पर
नर्मदा, बेतवा, कालीसिंध, शिप्रा, शिवना समेत कई नदियां उफान पर हैं। डैम भी ओवरफ्लो हो गए हैं। नर्मदापुरम के तवा और जबलपुर के बरगी डैम से पानी छोडऩे के कारण नर्मदा का जलस्तर बढ़ गया है। बरगी के 17 गेट और तवा डैम के 13 गेट से पानी छोड़ा जा रहा है। सुबह साढ़े 9 बजे इन गेटों को 10-10 फीट तक खोल दिया गया है। नर्मदापुरम में सेठानी घाट पर नर्मदा का जलस्तर 949.90 फीट पहुंच गया है। तवा के और गेट खोले गए तो बाढ़ की स्थिति बन सकती है।
डैम हुए लबालब
लगातार बारिश से प्रदेश के अधिकांश डैम लबालब हो गए हैं। नर्मदापुरम के तवा डैम के सभी 13 गेट 13 फीट तक खोल दिए गए हैं, जिससे 268320 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। डैम के रविवार को 5 गेट खुले थे। सोमवार सुबह 6 बजे 7 गेट, फिर 8 बजे 9 गेट और 9.30 बजे से 13 गेट खोले गए। जबलपुर के बरगी डैम के 30 में 17 गेट 2.03 मीटर तक खोल दिए गए हैं। शनिवार रात से बरगी के 11 गेट खुले थे। रविवार शाम से 17 गेट खुले है। बरगी का पानी नर्मदापुरम में 30 से 36 घंटे में पहुंचता है। रायसेन के बारना डैम के 6 गेट से पानी छोड़ा जा रहा है। यहां निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। रायसेन जिले में शनिवार से लगातार तेज बारिश हो रही है। नर्मदापुरम में पिछले सप्ताह 15 और 16 अगस्त को भारी बारिश हुई थी। तवा, बारना और बरगी के पानी से सेठानी घाट पर अलार्म लेवल से ढाई फीट ऊपर पानी पहुंच गया था। तवा गवर्निंग लेवल 31 अगस्त तक 1163 फीट है। वर्तमान में 1162.4 फीट जलस्तर है। अधिक बारिश की संभावना को देखते हुए तवा के डैम गेट 7 गेट 7 फीट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। ताकि बरगी का पानी आने से से पहले तवा का नर्मदापुरम से आगे पहुंच जाएं।
बादल जमीन से सिर्फ 90 मीटर ऊंचाई पर बने
मौसम विशेषज्ञ पीके साहा ने बताया कि भोपाल में जिन बादलों ने बारिश कराई, वे जमीन से सिर्फ 90 मी. ऊंचाई पर बने थे। यह इस सीजन में बादलों की सबसे कम ऊंचाई है। बारिश के दौरान न केवल 52 किमी प्रति घंटे की हवा चली, बल्कि विजिबिलिटी सिर्फ 800 मीटर रह गई थी। बारिश में बड़ा तालाब लबालब है, इसलिए रविवार सुबह 9 बजे से ही 11:40 बजे तक भदभदा के पांच गेट खोलने पड़े। सीजन में 7वीं बार भदभदा के गेट खोले गए।
अशोकनगर में कार समेत 5 लोग बहे, सरपंच की मौत
कार सवार महिदपुर गांव के सरपंच बृजेंद्र सिंह रघुवंशी अपने परिवार के साथ रविवार रात भोपाल से लौट रहे थे। रात 2 बजे सावन और खजुरिया गांव के पास नाले में बना रपटा उफान पर था, जिसे पार करते समय कार बह गई। सरपंच बृजेंद्र सिंह रघुवंशी और महेंद्र सिंह कार समेत बह गए। सरपंच का शव रेस्क्यू टीम को घटनास्थल से 4 किमी दूर मिला है। तेज बहाव में कार सहित बहे 5 लोग:तीन ने पेड़ पर बैठकर बिताई रात, सरपंच की डूबने से मौत -1 व्यक्ति अभी भी लापता
गुना में 20 घंटे टापू पर फंसे रहे तीन ग्रामीण
गुना में पिछले 3 दिन से लगातार बारिश का दौर जारी है। 24 घंटों में 7 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। बमोरी इलाके के पीपल्या गांव में रविवार को 3 ग्रामीण टापू पर फंस गए। अचानक पानी बढऩे से वह चारों तरफ से घिर गए। लगभग 20 घंटों तक वह टापू पर फंसे रहे।
औबेदुल्लागंज-बैतूल हाईवे बंद
नर्मदापुरम में रविवार शाम से जारी तेज बारिश की झड़ी सोमवार को भी जारी रही। 4 इंच बारिश दर्ज की गई। जिला प्रशासन ने सोमवार सुबह अचानक स्कूलों की छुट्टी के आदेश जारी किए। सुखतवा में नदी के पुल पर पानी आने से भोपाल–नागपुर नेशनल हाईवे बंद हो गया। सुबह 4 बजे से हाईवे बंद है।
सागर जिले की निचली बस्तियों में भरा पानी
सागर जिले में रविवार रात जिलेभर में गरज-चमक और आंधी के साथ तेज बारिश हुई। सुनार, धसान सहित कई नदियां उफान पर हैं। कुछ स्थानों पर पानी पुल के ऊपर आने से रास्ते बंद हो गए हैं। निचली बस्तियों में पानी घुस गया है। सागर जिले में पिछले 24 घंटों में 144 मिमी यानी पौने छह इंच औसत बारिश हुई है, जो इस सीजन में एक दिन की रिकॉर्ड बारिश दर्ज हुई है।
जबलपुर में डूब गई दुकानें
जबलपुर में 24 घंटे में पौने 7 इंच बारिश दर्ज की गई है। भारी बारिश की आशंका को देखते हुए रांझी के 6 परिवारों के कुल 13 सदस्यों को सामुदायिक भवन देर रात शिफ्ट किया गया। हनुमानताल, गोकलपुर तालाब सहित अन्य तालाबों में पानी गिरने के कारण तालाब ओवरफ्लो होने लगे जिसके कारण हनुमानताल की कई दुकानों व घरों में पानी घुस गया।
मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ रूट बंद
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारी बारिश के चलते गौरेला-पेंड्रा-मरवाही से करीब 15 किमी आगे मध्यप्रदेश के अनूपपुर में लैंडस्लाइड होने से सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। इसके चलते 15 से 20 ट्रक फंस गए हैं। वहीं राजेंद्रग्राम-अमरकंटक को जोडऩे वाले किरर मार्ग पर रिटेनिंग वॉल सहित सड़क बह गई है। इसके बाद प्रशासन ने आवाजाही के लिए अगले आदेश तक प्रतिबंध लगा दिया है।
मुरैना के 200 गांवों पर बाढ़ का संकट
ग्वालियर चंबल संभाग के मुरैना, श्योपुर और भिंड में फिर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। मध्यप्रदेश और राजस्थान के कई जिलों में जोरदार वर्षा का दौर जारी है। जिसके कारण नदियां उफान पर हैं। बांधों से पानी छोड़े जाने से जहां वर्षा कम हुई है, अब वहां भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। ऐसा ही कुछ हाल ग्वालियर चंबल संभाग में भी है। यहां राजस्थान के कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण चंबल खतरे के निशान के ऊपर जा सकती है। ऐसे में मुरैना जिले के ही अकेले 200 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने हाई अलर्ट भी जारी कर दिया है। उधर बान सुजारा बांध से पानी छोड़े जाने के बाद धसान नदी उफान पर है। जिसके कारण छतरपुर और सागर से संपर्क टूट गया है। राजस्थान के कोटा बैराज बांध से 3 लाख 83 हजार क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा जा रहा है। कोटा बैराज के 16 गेट को पूरी क्षमता के साथ खोलकर यह पानी चंबल नदी में छोड़ा जा रहा है। इससे श्योपुर, मुरैना से लेकर भिंड जिले में चंबल नदी के खतरे के निशान को पार करने की आशंका है। मुरैना में प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। 200 से ज्यादा गांवों पर बाढ़ का खतरा है। पुलिस थानों से लेकर एसडीएम, पटवारी और ग्राम पंचायतों के अमले को निगरानी के लिए मुस्तैद किया जा रहा है, 24 से 30 घंटे में यह पानी मुरैना तक पहुंचेगा।
छतरपुर और सागर से संपर्क टूटा
बान सुजारा बांध से पानी छोड़े जाने के बाद धसान नदी का जलस्तर बढ़ गया है। जिससे धसान नदी उफान पर है। टीकमगढ़ जिले का छतरपुर और सागर से संपर्क टूट चुका है। सागर मार्ग पर बड़ागांव में पुल पर करीब 3 फीट पानी आ गया है। वहीं छतरपुर मार्ग में परबधा के समीप पुल पर 2 फीट पानी आ गया है। प्रशासन ने बैरिकेट्स लगाकर आसपास गांव में अलर्ट जारी कर दिया है।