नई दिल्ली । धूम्रपान की लत घातक कैंसर की कारक है और जो लोग इस आदत से परेशान हैं, उनके लिए राहत की खबर है। स्मोकिंग यानि धूम्रपान छुड़ाने वाली दवा या थेरेपी अब हर जगह बहुत आसानी से उपलब्ध हो जाएगी। जल्द ही इस थेरेपी को भारत की जरूरी दवाओं की सूची में दर्ज कर लिया जाएगा। निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुमोदित थेरेपी है जिसके तहत 12 सप्ताह के कोर्स में स्मोकिंग की लत को धीरे-धीरे पूरी तरह से छुड़ाया जा सकता है।
खबर के मुताबिक सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस थेरेपी का खर्च भी बहुत कम है। अगर कोई व्यक्ति स्मोकिंग की लत को छुड़ाना चाहे तो उस रोजाना मात्र 10-13 रुपये खर्च करने होंगे। इतने रुपये खर्च कर 90 दिनों के अंदर भी इसे छुड़ाया जा सकता है। गौरतलब है कि भारत धुम्रपान करने वाली सबसे बड़ी आबादियों में से एक है। यहां करीब 26.7 करोड़ घुम्रपान करने वाले लोग हैं। इनमें से 9.9 करोड़ स्मोकर हैं जबकि 19.9 करोड़ लोग धुआं रहित धूम्रपान करते हैं। बीड़ी और स्मोकलेस में तंबाकू का इस्तेमाल भारत में सबसे अधिक होता है।
एनआरटी के लिए भारत सबसे तेजी से बढ़ता बाजार है। यह 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। इस बाजार में सिप्ला कंपनी का बर्चस्व है। जो लोग स्मोकिंग छोड़ना चाहते हैं, उन्हें गम जैसे धूम्रपान बंद करने वाले उत्पाद को व्यापक रूप से लेने की सलाह दी जाती है। सिप्ला के प्रवक्ता ने बताया, सिप्ला हेल्थ ने 2015 के बाद से एनआरटी का विस्तार करना शुरू कर दिया था। अब इसके दो ब्रांड, निकोटेक्स और निकोगम बाजार में सबसे ज्यादा बिक रहे हैं।
गम के अलावा बाजार में लोज़ेंस और ट्रांसडर्मल पैच भी उपलब्ध हैं, लेकिन यह इतना लोकप्रिय नहीं है। एनआरटी को जरूरी दवा की सूची में शामिल हो जाने के बाद इससे संबंधित कई ब्रांडों के बाजार में प्रवेश करने की उम्मीद है। वर्तमान में, ओटीसी का 2 मिलीग्राम का पैक आता है, जबकि 4 मिलीग्राम के लिए डॉक्टर के पर्चे की आवश्यकता होती है। दो साल पहले बेंगलुरु की कंपनी स्ट्राइड कंज्यूमर भी इस क्षेत्र में उतर गई है और उसने गम के साथ-साथ लॉजेंस भी उतारा है। इसके अलावा रूजन फार्मा और ग्लेमार्क भी गम बनाने लगी है। हाल ही में गुड़गांव की एक कंपनी विजे ने भी गम बनाने की घोषणा की है।