नेशनल अवार्ड मिलना बहुत बड़ा अचीवमेंट है

बॉलीवुड जगत में संदीप शर्मा ने काफ़ी काम किया है। हरियाणा के एक छोटे से ज़िले जींद से होते हुए मुंबई तक के सफ़र में संदीप शर्मा ने अनेक बड़े एक्टर, डायेरक्टर के साथ काम किया है। बतौर एक्टर उन्होंने महेश भट्ट की फ़िल्म ‘तमन्ना’, अज़ीज़ मिर्ज़ा की शाहरुख खान, जूही चावला अभिनीत फ़िल्म ‘फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’,  ई. निवास के साथ फ़िल्म ‘दम’ मे, अनुराग बासु के साथ साया में काम किया है। इनके ही साथ बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर फ़िल्म  ‘गैंगस्टर’ तथा ‘लाइफ़ इन ए मेट्रो’ में भी काम किया है। रवि राय जी के साथ इन्होंने बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर दो फिल्मों विवेक मुश्रान रवीना टन्डन अभिनीत फ़िल्म ‘अंजाने’ तथा राहुल राय व करिश्मा कपूर की फ़िल्म ‘दिल दिया चोरी चोरी’ में काम किया है।, इनकी हरियाणवी फ़िल्म ‘सतरंगी’ को बेस्ट हरियाणवी फ़िल्म का नेशनल अवार्ड भी मिल चुका है। यह फ़िल्म एक बाप-बेटी के रिश्ते पर आधारित है। हरियाणा जहाँ भ्रूणहत्या उस वक़्त परचम पर थी तो कैसे एक बाप पत्नी के गुज़रने के बाद अपने दो बच्चों को पालता है? कैसे एक बेटी को पढ़ाता-लिखाता है।सतरंगी के बाद अब हरियाणवी फ़िल्म दादा लखमी को भी नेशनल अवार्ड मिला है।  नेशनल अवार्ड मिलना अपने आप मे एक बहुत बड़ा अचीवमेंट है। हरियाणवी सिनेमा के लिए दादा लखमी को मैं एक ऐसा माध्यम मानता हूँ कि हरियाणवी सिनेमा के पटल पर इस फ़िल्म से ऑडियंस का रुझान बन जाएगा।