‘भाबीजी घर पर हैं में ‘‘अनीता विभूति से चाचाजी को निकालने के लिये कहती है, क्योंकि बाजार में उनके कर्ज से वह परेशान है। विभूति यह बात चाचाजी से कहता है और वे निराश हो जाते हैं। विभूति भी उन्हें छोड़ना नहीं चाहता है और उन्हें हार्ट अटैक का नाटक करने का आइडिया देता है। अनीता को आता देखकर चाचाजी गिर जाते हैं और चिल्लाने लगते हैं कि उन्हें हार्ट अटैक आया है। सक्सेना ने स्मूथी एम्बुलेंस सर्विस शुरू की है, वह आता है और उन्हें अस्पताल ले जाता है। वह एम्बुलेंस इतनी तेज चलाता है कि चाचाजी का हाथ टूट जाता है। अंगूरी को अपने डैडू की याद आती है और वह तिवारी से कहती है कि वह चाचाजी को घर लाकर उनकी देखभाल करना चाहते हैं। यह सुनकर अनीता और विभूति खुश हो जाते हैं और उन्हें तिवारी के घर भेज देते हैं। जब तिवारी और अंगूरी चाचाजी का खयाल रखते हैं, तब विभूति को एक कॉल आता है, जिसमें बताया जाता है कि चाचाजी ने 20 करोड़ रूपये का एक केस जीता है। यह सुनकर विभूति और अनीता को झटका लगता है।’’