भाजपा कार्यालय से श्यामला हिल्स तक मची खलबली
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मध्यप्रदेश में एंट्री से पहले राजधानी स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय से लेकर श्यामला हिल्स तक खलबली मची हुई है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को केरल से लेकर महाराष्ट्र तक अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। एमपी में भी यात्रा को ऐतिहासिक बनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने पूरी ताकत झोंक दी है। प्रदेश में एक साल बाद विधान सभा चुनाव होने है। ऐसे में भारत जोड़ो यात्रा को लेकर संगठन से लेकर सत्ता तक की नींदे उड़ी हुई है। दीनदयाल परिसर से लेकर श्यामला हिल्स तक बैठकों का दौर जारी है।
-संकट में वीडी की दोबारा ताजपोशी
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का कार्यकाल जल्द ही समाप्त होने वाला है। राजनैतिक गलियारों में उनकी दोबारा ताजपोशी की चर्चाएं चल रही हैं। इस बीच एक मामले ने तूल पकड़ लिया है। दरअसल वीडी शर्मा के ससुर की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में वीसी की नियुक्ति को लेकर प्रदेश में बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस तो इस मामले में वी डी शर्मा को तबियत से घेर ही रही है। इस घेराबंदी से भाजपा में उनके प्रतिस्पर्धी खुश हो गए हैं और अंदरूनी रूप से कांग्रेस का साथ दे रहे है। मामला दिल्ली पहुंच गया है। इस घेराबंदी के बाद वीडी शर्मा की दोबारा ताजपोशी संकट में दिख रही है।
-शिवराज के खिलाफ ताल ठोकने के मूड में राजकुमार ?
कभी बुधनी विधानसभा के लाड़ले नेता रहे पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल ने वापस अपनी सक्रियत बढ़ा ली है। सलकनपुर मंदिर में हुई चोरी के मामले को लेकर कांग्रेस नेता राजकुमार पटेल सरकार की जमकर घेरा बंदी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा में लंबे समय से शांत बैठे राजकुमार पटेल की अचानक बढ़ती सक्रियता को लेकर कई मायने निकाले जा रहे हैं। उनके करीबियों का कहना है कि क्षेत्रीय जनता खुद उन्हें मैदान में उतरने के लिए उकसा रही है। मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र होने के बाद भी यहां के हाल बेहाल हैं। मुख्यमंत्री की सभाओं में भी लोगों ने जमकर शिकायतें की थी। बुधनी विधानसभा में काम नहीं होने के चलते कलेक्टर को भी बदला जा चुका है। इन्ही परिस्थितियों, जातिगत समीकरणों और जनता से मिले फीडबैक को देखते हुए राजकुमार पटेल 2023 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर ताल ठोकने के मूड में हैं।
-क्या विदिशा से नियंत्रित हो रहा आबकारी विभाग ?
आबकारी विभाग में विदिशा जिले के सत्ता के करीबी एक नेता की जमकर चल चल रही है। आबकारी विभाग में जिस किसी अधिकारी को मलाईदार पोस्टिंग चाहिए होती है। वो विदिशा के इस नेता की कृपा से मलाईदार जगह पहुंच जाता है। लोग बताते हंै कि इस नेता की वाशिंग मशीन में धन-बल के दम पर अधिकारियों के सारे दाग धुल जाते हैं। भोपाल से लेकर उज्जैन तक विभाग के लोगों पर इन्हीं की कृपा बरस रही है। इतना ही नहीं अपने जिले में भी बलात्कार और कोर्ट को घूस देने वाले आबकारी अधिकारी को लाने में सफल हुए है। विदिशा के ये नेताजी आबकारी विभाग में चर्चा का विषय बने हुए है।
-सत्ता-संगठन की आँखों में खटकने लगे विश्वास
मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग अपनी ही पार्टी के लोगों को खटकने लगे हैं। कारण है विश्वास की बढ़ती लोकप्रियता है। वैसे विश्वास ने हाल ही में उनके विभाग द्वारा आयोजित एक बड़े आयोजन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी। इसके बाद प्रदेश की राजनीति उनका कद तेजी से बढ़ा है। विश्वास सारंग की बढ़ती लोकप्रियता उनके प्रतिस्पर्धियों को फूटी आँख नहीं सुहा रही। जिसे लेकर पार्टी के आला नेताओं के अब कान भरे जा रहे हैं। हालही में हुए एक कार्यक्रम के दौरान एक बड़े नेता ने मंच पर उन्हें नजरअंदाज कर दिया हालांकि बाद में उन्होंने अपने संबोधन में विश्वास का जिक्र किया। कभी विश्वास सारंग इनकी आंखों के तारे रहे है। लेकिन अब ये नेता विश्वास के प्रतिद्वंदी को आगे बढ़ा रहे हैं।
-किसान नेता धाकड़ पर भाजपा की नजऱ
मालवा के धाकड़ किसान नेता डीपी धाकड़ पर भाजपा डोरे डाल रही है। धाकड़ वर्तमान में कांग्रेस से जुड़े हंै। जून-2017 में डीपी धाकड़ के किसान आंदोलन ने उस समय की भाजपा सरकार के माथे पर बल ला दिया था। मंदसौर से शुरू हुआ आंदोलन मालवा से निकलकर आधे मध्य प्रदेश में फैल गया था। भाजपा धाकड़ की ताकत देख चुकी है और 2023 में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। भाजपा के कुछ दिग्गज डीपी धाकड़ पर डोरे डाल रहे हैं। कांग्रेस उन्हें कितना भाव देती है और धाकड़ कहा धड़केंगे यह तो भविष्य में पता चलेगा।
-उपेक्षित और निष्क्रिय भाजपाइयों ने ली अंगड़ाई
ये तो जगजाहिर है की प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने जब से संगठन में युवा भाजपाइयों को जगह दी है तब से पुराने भाजपाइयों के दिन लद गए हंै। संगठन ने इन पुराने लोगों की उपेक्षा में कोई कमी नहीं छोड़ी है। जिसके बाद उपेक्षित भाजपाई निष्क्रिय हो गए थे। लेकिन ये उपेक्षित और निष्क्रिय भाजपा कार्यकर्ता अब संगठन से मुकाबला करने के लिए तैयार हो रहे हैं। कुछ ने उपेक्षित पुराने वरिष्ठ नेताओं से मेल-मुलाकात शुरू कर रणनीति बनानी शुरू कर दी है। कुछ खुलकर सामने आने को हैं और कुछ चुपचाप अपने काम को अंजाम दे रहे है। उपेक्षित भाजपाइयों की अंगड़ाई क्या गुल खिलाएगी यह तो समय ही बताएगा।
-अफसरों पर इंटेलिजेंस का पहरा
राहुल की भारत जोड़ो यात्रा ने अफसरों पहरा बिठा दिया है। दरसल, प्रदेश सरकार के कई अफसर किसी न किसी रूप में भारत जोड़ो यात्रा का समर्थन कर रहे हैं। इसके बाद से अफसरों पर सरकार ने इंटेलिजेंस का पहरा बिठा दिया है। जिन अधिकारियों पर थोड़ा भी शक है उनके आने-जाने, मेल-मुलाकात पर इंटेलिजेंस नजऱ रख रहा है। इंटेलिजेंस के अधिकारी राजधानी से लेकर जिलों तक की जानकारी जुटा रहे हंै। खासकर उन जिलों की जहाँ से भारत जोड़ो यात्रा गुजरनी है।