नई दिल्ली । दिल्ली के स्कूलों में बच्चों को लाने ले जाने के लिए अब नई गाड़ी खरीदने की अनिवार्यता नहीं होगी। बल्कि पुराने और निजी कारों में कुछ बदलाव कर इस सेवा में इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके लिए दिल्ली सरकार जल्द ही एक पॉलिसी लेकर आ रही है। इस पॉलिसी के तहत निजी कारों को स्कूल कैब में बदलने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए निजी कार मालिकों को गाड़ी में कुछ बदलाव करना होगा। संबंधित विभागों की मंजूरी के बाद जल्द ही यह पॉलिसी पब्लिक डोमेन में आ जाएगी। दिल्ली सरकार के अधिकारियों के मुताबिक नई नीति के तहत निजी कार मालिकों को अपने वाहन वाणिज्यिक रूप से इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके लिए परिवहन विभाग की अनुमति से वाहनों में कुछ बदलाव करने होंगे। इसमें मुख्य रूप से स्पीड गवर्नर लगाना होगा वहीं गाड़ी की छतों पर कैरियर भी लगवाना होगा। सबकुछ ठीक होने पर परिवहन विभाग आधिकारिक तौर पर निजी वाहनों को स्कूल कैब के रूप में सूचीवद्ध कर लेंगे। इस व्यवस्था से बड़ी संख्या में निजी स्कूल संचालकों को लाभ मिलेगा। वहीं अभिभावकों को भी अपने बच्चों को स्कूल लाने जाने की झंझट से काफी हद तक मुक्ति मिल जाएगी। अभी तक किसी भी स्कूल को अपने छात्रों को लाने ले जाने के लिए स्कूल कैब संचालित करने के लिए सबसे पहले नई गाड़ी खरीदनी होती थी। फिर उसे परिवहन विभाग में बतौर स्कूल कैब पंजीकरण कराना होता था। लेकिन नई नीति में नए वाहन की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। इसमें व्यवस्था दी गई है कि कोई भी नई या पुरानी गाड़ी का वैध फिटनेस प्रमाण पत्र होने के साथ सीएनजी ईंधन के आधार पर कमर्शियल श्रेणी में पंजीकरण कराया जा सकेगा। इसके बाद स्कूली बच्चों को ले जाने के लिए परमिट जारी कर दी जाएगी।