‘दिल दियां गल्लां’ एक भावानात्मक पड़ाव में प्रवेश करने के लिए तैयार है। यह कहानी एक पंजाबी परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है, जिनमें पलायन की वजह से अलगाव हो गया है। अमृता को आखिरकार पता चलता है कि दिलप्रीत उसके दादाजी हैं और वह भावनात्मक रूप से टूट जाती है। इसके पिछले एपिसोड्स में दिखाया गया कि किस तरह रिया को अमृता के बारे में पता चल जाता है कि वह उसके चाचा मंदीप की बेटी है। रिया फैसला करती है कि वह अपने चाचा के परिवार को कभी नहीं अपनाएगी, क्योंकि उन्होंने उसके दादाजी और उसके पिता रणदीप को चोट पहुंचाई है। वहीं, जब अमृता को पता चलता है कि जिस घर में वह रह रही है यह उसके दादाजी का है तो वह उसे छोड़ देने का फैसला करती है। लेकिन वीर उसे वहीं रहने और अपने पिता से बात करने के लिए मनाता है।