नए-पुराने भूतों का अध्ययन

भूत विश्वविद्यालय ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि पुराने भूत बहुत भोले होते थे। वे खंडहर, टूटी हवेली, नई कोठी, श्मशान घाट अथवा सड़क किनारे अंधे कुएं में रहते थे। नए भूत किसी विश्वविद्यालय, कोचिंग सेंटर, ऑफिस, सचिवालय आदि में घूमते नजर आते हैं। पुराने भूत किसी पेड़ की डाली पर उल्टे लटके रहते थे। वे हर किसी को दिखते तक नहीं थे। बेचारों के पास रहने को ढंग की कोई जगह भी नहीं थी! अभी वाले भूत मंडल, निकाय, बोर्ड, अकादमी, निगम, आयोग आदि के अध्यक्ष बनकर शासन सचिवालय को अपने कंधों पर उल्टा लटकाए रखते हैं। पुराने भूतों के पास कुछ नहीं हुआ करता था। वे बेचारे कंगले गरीब टाइप के भूत हुआ करते थे। जब उनको भगाया जाता, तो उनके पास सिवाय लंगोटी के कुछ नहीं हुआ करता था। इसलिए कहा जाता कि भागते भूत की लंगोटी ही सही। लेकिन आजकल के भूत भगाने वाले की लंगोटी तक खुलवा डालते हैं। 

पुराने भूत डर के मारे भाग जाया करते थे, लेकिन ये नये भूत डराने के लिए कई तरह की यात्राएं निकालते हैं। नए भूत जाति, धर्म, संप्रदाय आदि के सींगों से पब्लिक को खदेड़ रहे हैं। पहले की भूत बिरादरी बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करती थी। भूत शास्त्र के नियमों पर चलती थी। किसी के रास्ते चलने पर कोई भी भूत कुछ भी नहीं कहता था। अभी वाले भूत सही रास्ते चलने वाले की अकल ठिकाने लगा देते हैं। ये न केवल उसे मारते-पीटते बल्कि उसका मर्डर भी कर देते हैं। कुर्सी की ताकत वाले भूत तो सबसे खतरनाक दिखाई दे रहे हैं। कुर्सी के बल पर ये चांद तारे सूरज को भी गायब करने की हिम्मत रखते हैं। भूत शास्त्र में कहा गया है कि लातों के भूत बातों से नहीं मानते हैं। लेकिन अब मामला बिल्कुल उल्टा हो गया है। आजकल लातों के भूतों को बातों से ही मनाना पड़ता है। लात लगाने से काम नहीं बनता है। इसलिए बातें ही की जाती है। बात करने पर ही अच्छे-अच्छे भूत सीधे होते नजर आए हैं। बातों की कलाकारी को कूटनीति कहा जाता है। घर से लेकर विदेश नीति सब जगह यही नीति पसरी है। यही कूटनीति झूठनीति का मूल आधार होती है। 

सबसे ज्यादा खतरनाक घर का भूत होता है। घर के भूत को सब कुछ अता-पता रहता है। घर का भूत बीस पीढ़ी के नाम, पते, ठिकाने दे देता है। इसलिए भूतिया शास्त्रों में घर के भूत से डरने की सलाह दी है। कहा गया है कि हर घर में कोई न कोई औरत होनी ही चाहिए। औरत मतलब पत्नी! पत्नी घर में झगड़ती ही रहती है। लेकिन वह नहीं होने से घर भूतों का डेरा कहलाता है। मतलब है कि घर में महिला नहीं हो तो भूत रहते हैं। महिला रहती है, तो भूत भाग जाते हैं। अर्थ है की पत्नी रूपी महिला से भूत तक डरते हैं। अगर पत्नी का रूप धारण की हुई महिला की कोई बात नहीं माने तो उसके सिर पर भूत सवार हो जाता है। भूत शास्त्र में साफ-साफ लिखा हुआ है की ऐसी महिला बहुत घातक होती है। इसलिए दुनिया के सभी पतियों को अपनी पत्नियों से डरना चाहिए। भूत आचरण संहिता में कहा गया है कि प्यार, चोर और डर भूतों को जन्म देते हैं। भूत विश्वविद्यालय ने भूतों की अध्ययन रिपोर्ट समस्त भविष्य कर्ताओं को प्रेषित की है।

— रामविलास जांगिड़ (मो 94136 01939),18, उत्तम नगर, घूघरा, अजमेर (305023) राजस्थान