श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रशासन का दोहरा रवैया -आज देंगे ज्ञापन


उज्जैन । श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन में स्थानीय पुजारी पुरोहितों के साथ ही दशकों से बाहरी पुरोहित की व्यवस्था भी परंपरागत रूप से चली आ रही है। पुजारी पुरोहित का निधन होने अथवा वृद्धावस्था शारीरिक अक्षमता के कारण पुजारी पुरोहित के स्थान पर उनके उत्तराधिकारी परिजन हेतु नामांतरण प्रकरण प्रस्तुत करते है। परंतु दि.18.11.2022 को श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन की नामांतरण प्रकरणों की समीक्षा हेतु गठित उपसमिति की बैठक में मात्र स्थानीय पुजारी पुरोहित के नामांतरण प्रकरणों पर विचार किया गया परंतु बाहरी पुरोहितों के प्रस्तुत नामांतरण प्रकरणों को नजरअंदाज कर दिया गया।
आश्चर्य का विषय है कि मंदिर समिति द्वारा दि.18.01.2023 को जारी पत्र में पुजारी पुरोहित व बाहरी पुरोहित प्रतिनिधियों के रिक्त पद पर नामांतरण का उल्लेख किया गया है परंतु बाहरी पुरोहितों के निधन शारीरिक अक्षमता के बावजूद उनके स्थान पर आए नामांतरण प्रकरणोें पर विचार तक नहीं किया जाकर बाहरी पुरोहितों के हितों पर कुठाराघात किया जा रहा ह और दोहरा रवैया अपनाया जा रहा है।
इसके विरोध में आज कलेक्टर उज्जैन एवं अध्यक्ष श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन को जनसुनवाई में पत्र देकर इस दोहरी नीति के विरूद्ध हस्तक्षेप कर बाहरी पुरोहितों के नामांतरण प्रकरणों को भी सम्मिलित करने की मांग की जायेगी। यह जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता पं.निलेशानंद तिवारी ने दी।