नई दिल्ली | अगर आपके मोबाइल में किसी नामी गिरामी कंपनी का जॉब लिंक आए तो उस पर क्लिक करने से पहले सौ बार सोच लें वरना आप किसी बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं। दरअसल दिल्ली पुलिस ने ठगों के एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है जिसने वर्क फ्रॉम होम जॉब ने नाम पर 30 हजार लोगों से 200 करोड़ रुपये की ठगी की है। यह गैंग वर्क फ्रॉम होम जॉब के नाम पर एक दिन में 15 हजार रुपये का वेतन देकर लोगों को झांसे में लेता था। कोरोना के बाद देश में वर्क फ्रॉम होम जॉब का कल्चर बढ़ा है जिसके चलते इस गैंग ने कई लोगों को आसानी से अपने जाल में फंसा लिया। दिल्ली पुलिस ने चीन और दुबई में स्थित साइबर बदमाशों के एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह और जॉर्जिया में एक मास्टरमाइंड का भंडाफोड़ किया है। मास्टरमाइंड गैंग को जॉर्जिया से ऑपरेट कर रहा है जिसे पुलिस भारत लाने में जुट गई है। पुलिस ने इस सिलसिले में दिल्ली गुरुग्राम और फतेहाबाद (हरियाणा) में अलग-अलग छापेमारी कर अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान सतीश यादव (36) अभिषेक गर्ग (40) और संदीप महला के रूप में हुई है। इनसे चीन और दुबई में रकम ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल हो रहे सिम और 5 फोन बरामद किए गए हैं। पुलिस ने कहा कि इनके पास से कुछ वेबसाइट्स से सर्वर भी मिले हैं जिनके जरिए चीन और दुबई स्थित कंपनियों को पैसा भेजा जा रहा था। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने अपनी वेबसाइट को बढ़ावा देने तथा लोगों को ठगने के लिए यूट्यूब इंस्टाग्राम टेलीग्राम व्हाट्सअप और अन्य सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल किया। पुलिस उपायुक्त बाहरी उत्तर देवेश कुमार महला ने कहा कि अब तक की गई जांच से संकेत मिलता है कि चीनी साइबर अपराधियों ने ऑनलाइन वर्क फ्रॉम होम जॉब या पार्ट टाइम जॉब की तलाश कर रहे लोगों को धोखा देने के लिए एक मॉड्यूल विकसित किया है क्योंकि चीनी ऋण धोखाधड़ी अब कम हो रही है। एजेंसियों द्वारा कार्रवाई और लोगों के बीच जागरूकता। डीसीपी ने कहा बैंक से प्राप्त विवरणों की जांच के दौरान यह पाया गया कि एक ही दिन में कुल 5.17 करोड़ रुपये जमा किए गए। आगे की मनी ट्रेल में यह पता चला कि पूरी राशि को 7 अलग-अलग फर्मो के माध्यम से आगे बढ़ाया गया था। क्रिप्टो करेंसी के जरिए विदेशी खातों में पैसा डाला गया है। अधिकारी ने कहा कि तकनीकी जांच आखिरकार उन्हें सतीश यादव तक ले गई जिन्होंने एक अन्य आरोपी गर्ग के नाम का खुलासा किया। तीसरे आरोपी महला को तब गिरफ्तार किया गया था जब उसका खाता रेजरपे के माध्यम से विदेश में बैठे एक जालसाज को पैसे निकालने में शामिल पाया गया था।