नागपुर । ऑस्ट्रेलिया के युवा ऑफ-स्पिनर टॉड मर्फी ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट में शुक्रवार को पांच विकेट लेने के बाद कहा कि विराट कोहली को आउट करना उनके लिये सपने के सच होने जैसा था। मर्फी ने खेल खत्म होने के बाद कहा कि मुझे सबसे ज्यादा खुशी विराट कोहली को आउट करके मिल। हालांकि वह दिन की सबसे अच्छी गेंद नहीं थी। एक खिलाड़ी जिसे मैंने इतने समय से खेलते हुए देखता रहा हूं, वह इन सभी लोगों के हीरो हैं। वह जब बल्लेबाजी करने उतरे तो लोगों ने इतना शोर मचाया कि मुझे थोड़ा पीछे धकेल दिया और उनके साथ मैदान पर होना सौभाग्य की बात थी। मैंने चेहरे पर मुस्कान लाकर खेलने की कोशिश की।
टॉड मर्फी का कहना है कि ऐसे खिलाड़ियों के साथ मैदान साझा करना शानदार अनुभव है, यह मेरे साथ जीवन भर यादगार रहेगा। जब मैंने बल्ले के अंदरूनी हिस्से से गेंद के लगने की आवाज सुनी तो उम्मीद जागी की कि (एलेक्स) कैरी गेंद को लपक लेंगे। शुक्र है कि उसने कैच पकड़ लिया था। उन्होंने एक-दो रिव्यू में भी मेरी मदद की है और उन विकेटों में बड़ी भूमिका निभाई है।
अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहे मर्फी ने कोहली के अलावा केएल राहुल, रवि अश्विन, चेतेश्वर पुजारा और श्रीकर भरत को भी आउट किया। वह मैच से पहले सिर्फ एक विकेट से भी खुश होते, लेकिन दिन का समापन पांच विकेटों के साथ करना विशेष एहसास रहा। उन्होंने कहा कि मैच में आते हुए मैं उम्मीद कर रहा था कि केवल एक विकेट भी मिल जाए तो काफी है। दिन की समाप्ति पांच विकेटों के साथ करना एक विशेष पल है। यह हफ्ता ही शानदार रहा है। सब कुछ बहुत तेजी से हुआ। अपने खेलने की खबर मिलने से लेकर अब तक मैंने हर लम्हे का आनंद लिया है। मेरी कोशिश रहती है कि मेरी शारीरिक ऊर्जा अच्छी रहे और हर चीज का आनंद लूं।
मर्फी ने आगे कहा कि मैंने जडेजा, अश्विन और अक्षर को देखा, वे सभी लगातार अपनी योजनाओं को अमल में ला रहे थे। वे ज्यादा कुछ बदलने की कोशिश नहीं कर रहे थे। मैंने भी यही करने की कोशिश की। ज्यादा से ज्यादा गेंदों को उसी क्षेत्र में रखा और लगातार बल्लेबाजों से सवाल किये। काफी सारे लोगों ने कहा कि मुझे अपने कुछ बदलने की जरूरत नहीं है। मर्फी के पंजा खोलने के बावजूद भारत 144 रन की बढ़त लेकर मैच को अपने पक्ष में करने में सफल रहा। कप्तान रोहित शर्मा की शतकीय पारी के बाद रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल ने अपने-अपने अर्द्धशतक पूरा कर लिए और दिन का खेल खत्म होने तक नाबाद रहे। जडेजा-अक्षर की साझेदारी से पहले भारत की बढ़त सिर्फ 63 रन थी और वह सात विकेट गंवा चुका था, लेकिन आठवें विकेट के लिए दोनों खब्बू बल्लेबाजों की साझेदारी मैच को भारत के पक्ष में झुका दिया।
मर्फी ने कहा कि हमने जो भी पैंतरे अपनाये उन्होंने उनका जवाब देते हुए साझेदारी बुनी। गेंद अब भी बहुत हरक कर रही है, लेकिन पिच में ऐसी कोई खतरनाक बात नहीं है। उन लोगों ने अपनी तकनीक का इस्तेमाल किया और लंबे समय तक बल्लेबाजी करने की कोशिश की, जिसका उन्हें लाभ मिला। उन्होंने कहा कि मजबूत रवैये के साथ मैदान पर उतरना होगा और इन तीन विकेटों को जल्दी लेने की कोशिश करनी होगी। हम इन्हें जितनी जल्दी आउट कर सकेंगे, उतनी ही जल्दी बल्लेबाजी करते हुए उनकी बढ़त को समाप्त कर सकते हैं। अगर हम 150-200 रन का लक्ष्य दे सकते हैं तो आपके पास बचाने के लिये एक लक्ष्य होगा।