नई दिल्ली। वाराणसी में देश के पहले अरबन रोप-वे के जमीनी स्तर पर काम की शुरुआत इसी सप्ताह होने जा रही है। इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री 24 मार्च को करने वाले हैं। इस रोप-वे के बनने के बाद काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए जाने वाले लाखों श्रद्धालुओं को सुविधा होगी, उनके पास ऑटो, टेम्पो और रिक्शा के अलावा एक और विकल्प मौजूद रहेगा। श्रद्धालु स्टेशन से उतरकर सीधे मंदिर के करीब तक जा सकेंगे।
रोप-वे निर्माण कंपनी एनएचएआई के सीईओ प्रकाश गौड़ ने बताया कि काशी रोप-वे का काम अवार्ड कर दिया गया है। 24 मार्च को प्रधानमंत्री इस रोप-वे प्रोजेक्ट का शिलान्यास कर करेंगे। काशी और बाहर से पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालुओं को सौगात मिलने वाली है। काम शुरू होने के बाद दो साल के अंदर रोप-वे का संचालन शुरू हो जाएगा। इस तरह 2025 में श्रद्धालु रोपवे से सफर कर सकेंगे।
रोप-वे की कुल लंबाई 3.75 किमी होगी। इसमें पांच स्टेशन बनाए जाएंगे, लेकिन चढ़ने उतरने के लिए चार स्टेशन ही होंगे। पांचवां स्टेशन तकनीकी कारणों से बनाया जाएगा। इन चार स्टेशनों में पहला कैंट रेलवे स्टेशन होगा, जहां से रोपवे शुरू हो रहा है, दूसरा विद्यापीठ, तीसरा रथयात्रा और चौथा अंतिम स्टेशन गोदौलिया होगा। चूंकि इसके आगे मंदिर जाने के लिए वाहन नहीं जाते हैं, इसलिए यहीं तक रोप-वे चलाया जाएगा।
रोपवे की केबल कार पर प्रति घंटे 3 हजार यात्री सफर कर सकेंगे। लोगों की संख्या बढ़ाने के साथ केबल कारों की संख्या बढ़ाई जाएगी। शुरुआती दौर में 300 यात्री प्रति घंटे सफर कर सकेंगे। इस रोप-वे में 10 सीटों वाली केबल कार चलाने की तैयारी है। श्ुरुआत में कुल 18 केबल कार रोपवे में चलेंगी। हालांकि, रोपवे का डिजाइन ऐसा किया जाएगा कि केबल कार की संख्या जरूरत के अनुसार बढ़ाई जा सके।