भोपाल । उत्तर प्रदेश के माफिया अतीक अहमद की कनपटी पर गोली चलाने वाला, लवलेश तिवारी 2021 में बांदा (उ प्र) से फरारी काटने के लिए बालाघाट पहुंचा था। अप्रैल 2021 से लेकर मार्च 2022 तक वह बालाघाट में सक्रिय रहा। उसे रेत माफिया के रूप में बालाघाट में पहचाना जाता है। मार्च 2022 के बाद से वह अपना ठिकाना लगातार बदलता रहा।
अतीक अहमद की हत्या करने के छह-सात महीने पहले वह बालाघाट से चला गया था। आवलाझरी में रेत माफिया के साथ उसकी गैंगवार की हुई थी। बालाघाट के नर्मदा नगर स्थित एक मकान पर उसकालगातार आना-जाना था।
बालाघाट में फरारी काटते हुए लवलेश तिवारी के शराब ठेकेदार और रेत माफिया से संपर्क होने के कारण, इसने बालाघाट में अपना अच्छा खासा रुतबा कायम कर लिया था।
माफिया अतीक अहमद की हत्या के बाद, इसे बालाघाट में नई पहचान मिली है। बालाघाट के लोग इसे 2021 से ही जानते हैं। इसके संपर्क में जो लोग रहते थे। उनको लेकर अब बालाघाट में भी दहशत का वातावरण देखने को मिल रहा है।
पूर्व सांसद ने खोला राज
बालाघाट के पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने लवलेश के अपराधिक कृत्यों का राज खोलते हुए कहा, लवलेश ने बालाघाट में सुनियोजित ढंग से रेत माफिया के रूप में अपने आप को स्थापित किया था। यह महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश तक रेत सप्लाई का काम करता था। इसके स्थानीय नेताओं के साथ संपर्क थे। रेत और शराब के व्यवसाय से जुड़कर यह यहां गैंगस्टर की तरह सक्रियता बढ़ा रहा था।
महाराज लवलेश तिवारी
बालाघाट में अतीक अहमद के हत्यारे लवलेश तिवारी को महाराज के रूप में जाना जाता था। यहां पर लवलेश तिवारी की काफी दहशत थी। कई बार विवाद भी हुए। राजनैतिक संरक्षण होने के कारण बालाघाट में इसके खिलाफ कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं हुआ।
अतीक की हत्या के बाद जानी महाराज की हकीकत
माफिया अतीक अहमद की पुलिस सुरक्षा में हत्या होने के बाद,बालाघाट में अब लवलेश तिवारी की चर्चा हो रही है। जिस तरह से पुलिस की सुरक्षा में अतीक के ऊपर खुलेआम लवलेश तिवारी ने गोलियां चलाई। उसके बाद से उससे जुड़े हुए संपर्कों को लेकर लोगों में डर और भय का वातावरण देखा जा रहा है।