कर्नाटक का रण जीतने सभी पार्टियों ने लगाया दम, मतदान आज

पीएम मोदी, शाह और राहुल ने की ताबड़तोड़ रैलियां
बेंगलुरु । कर्नाटक विधानसभा के लिए बुधवार को मतदान होगा और वोटों की गिनती 13 मई को होगी। बता दें कि कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 113 सीटों का है। भाजपा जो सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है, राज्य में दूसरे कार्यकाल के लिए एड़ी चोटी का जो लगा रही है। वहीं, कांग्रेस भी जीत की ताल ठोक रही है। गौरतलब है कि लिंगायत और वोक्कालिगा मतदाता चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे। लिंगायत आबादी का 17 प्रतिशत और वोक्कालिगा 11 प्रतिशत हैं।
वहीं 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए हाई-वोल्टेज चुनाव प्रचार सोमवार को समाप्त हो गया। प्रचार अभियान में जहां भाजपा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जनसभाएं और छह रोड शो किए, तब कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ने 12 दिनों तक राज्य में डेरा डाला। चुनावी प्रचार के दौरान राज्य की सभी तीन प्रमुख राजनीतिक दलों भाजपा, कांग्रेस और जनता दल-सेक्युलर (जेडीएस) ने बहुमत हासिल करने के लिए मतदाताओं को लुभाने के साथ-साथ एक-दूसरे पर कई आरोप लगाने की पूरी कोशिश की है।
भाजपा ने झोंकी पूरी ताकत
प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी के लिए प्रचार किया, भाजपा ने लोगों का समर्थन पाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी। जहां प्रधानमंत्री मोदी ने 19 जनसभाओं को संबोधित किया और छह रोड शो किए।वहीं शाह ने 16 जनसभाएं और 14 रोड शो किए। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 10 जनसभाएं और 16 रोड शो किए।
भाजपा नेताओं के अनुसार, पीएम मोदी की चुनावी रैलियों ने उनके अभियान को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया और चुनावों में पार्टी को इतिहास रचने में मदद मिलेगी। कुल मिलाकर, भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं ने कुल 206 जनसभाएं और 90 रोड शो किए, जबकि इसके राज्य के नेताओं ने 231 जनसभाएं और 48 रोड शो किए।
वहीं, कर्नाटक में जीत के लिए उत्तर प्रदेश के योगी, असम के हिमंत बिस्वा सरमा, मध्यप्रदेश के शिवराज सिंह चौहान, गोवा के प्रमोद सावंत जैसे भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी कर्नाटक में पार्टी को जीत दिलाने पहुंचे। साथ ही केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, एस जयशंकर स्मृति ईरानी, नितिन गडकरी सहित अन्य ने भी चुनाव प्रचार के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों में यात्रा की।
वहीं कांग्रेस ने आमतौर पर स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया और इसका अभियान भी शुरू में राज्य के नेताओं द्वारा चलाया गया। चुनाव प्रचार के आधे समय के बाद कांग्रेस के बड़े नेताओं ने प्रवेश किया। जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मोर्चा संभाला।
कांग्रेस के पूर्व सीएम सिद्धारमैया और प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार जैसे दिग्गज नेताओं के साथ कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा को कड़ी टक्कर देने में लगी है। कांग्रेस कर्नाटक जीतकर अपने कार्यकर्ताओं को इस साल के अंत में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों के चुनाव में एक बड़ा बूस्ट देना चाहेगी। गौरतलब है कि कांग्रेस के लिए चुनाव परिणाम राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की प्रभावशीलता का संकेत दे सकता है जो दिसंबर में समाप्त हुई थी। यह चुनाव पार्टी अध्यक्ष खरगे के लिए भी व्यक्तिगत रूप से महत्वपूर्ण होने वाला है, क्योंकि वहां कर्नाटक के एक प्रमुख नेता हैं। कांग्रेस ने अपने शीर्ष राज्य और केंद्रीय नेताओं द्वारा 99 जनसभाएं और 33 रोड शो किए हैं।
इन दोनों राष्ट्रीय दलों के बीच क्षेत्रीय दल जेडीएस ने भी एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व में प्रचार अभियान चलाया। इस अभियान में पार्टी संरक्षक देवेगौड़ा भी अपनी उम्र संबंधित बीमारियों के बावजूद शामिल हुए। भाजपा और कांग्रेस के प्रभुत्व वाले राज्य में पार्टी खुद को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष कर रही है। 2018 में, जेडीएस कांग्रेस के साथ चुनाव के बाद गठबंधन करके किंगमेकर की भूमिका निभाई।