अमरनाथ यात्रा का महत्व

हर साल की तरह बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए अमरनाथ यात्रा अभी जारी है। बेहद कठिन होने वाली इस यात्रा के लिए श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। इस यात्रा में भारत ही नहीं अन्य देशों से आने वाले लोग भी शामिल रहते हैं।
अमरनाथ यात्रा का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने अमरनाथ गुफा में मां पार्वती को अमर कथा सुनाई थी। इस गुफा में एक हैरान करने वाली बात यह है कि गुफा में शिवलिंग ठोस बर्फ का बना होता है जबकि नीचे फैला बर्फ कच्चा होता है। कहते हैं यहां पर भगवान शिव साक्षात विराजते हैं। साथ ही यहां पर देवी का एक शक्तिपीठ भी है। 51 शक्तिपीठों में से महामाया शक्तिपीठ इसी गुफा में स्थित है क्योंकि यहां देवी सती का कंठ गिरा था।
अमरनाथ गुफा में दिखता है यह गजब संयोग
अमरनाथ में भगवान शिव के अद्भुत हिमलिंग दर्शन के साथ ही माता सती का शक्तिपीठ होना एक दुर्लभ संयोग है। ऐसा संयोग कहीं और देखने को नहीं मिलता। इस गुफा में केवल शिवलिंग ही नहीं बल्कि माता पार्वती और गणेश के रूप में दो अन्‍य हिम लिंग भी बनते हैं। माना जाता है कि इस दर्शन के पुण्य से मनुष्य मुक्ति का अधिकारी बन जाता है।
अमरनाथ यात्रा का मार्ग
अमरनाथ यात्रा जाने के लिए दो रास्ते हैं। पहला पहलगाम और दूसरा बालटाल होकर जा सकते हैं। पहलगाम या बालटाल तक बस से पहुंचा जाता है। आगे के रास्तों पर श्रद्धालुओं को पैदल चलना पड़ता है। पहलगाम से होकर जाने वाला रास्ता थोड़ा सरल है इसलिए लोग इसी रास्ते से जाना पसंद करते हैं।