मां-बाप के मन को आघात पहुंचाने वाली संतान श्राद्ध पक्ष में प्रायश्चित कर ले तो पित्तर हो सकते हैं प्रसन्न –

:: हंसदास मठ पर श्रद्धा सुमन सेवा समिति के तर्पण अनुष्ठान में प्रतिदिन पहुंच रहे 450 से अधिक साधक ::
इन्दौर । माता-पिता के चरणों में ही वास्तविक स्वर्ग है। जो संतान मां-बाप के मन को आघात पहुंचाती है, वह कभी सुखी नहीं रह सकती लेकिन श्राद्ध पक्ष में प्रायश्चित से उनका अभिशाप भी वरदान बन सकता है। उनके प्रायश्चित से पित्तर भी प्रसन्न हो सकते हैं। कलियुग में मनुष्य भौतिक चकाचौंध में उलझकर अपने कर्तव्यों से विमुख होता जा रहा है। माता-पिता की सेवा बोझ मानी जा रही है। नए-नए वृद्धाश्रम खुल रहे हैं। विडंबना है कि भारतीय संस्कृति में हमें ऐसे दिन भी देखना पड़ रहे हैं। वृद्धाश्रम हमारी भारतीय संस्कृति के उज्जवल मस्तक पर कलंक जैसे हैं।
ये प्रेरक विचार हैं भागवताचार्य पं. पवन तिवारी के, जो उन्होने एयरपोर्ट रोड, पीलियाखाल स्थित हंसदास मठ पर महामंडलेश्वर स्वामी रामचरणदास महाराज के सानिध्य एवं परशुराम महासभा के पं. पवनदास महाराज के विशेष आतिथ्य में श्रद्धा सुमन सेवा समिति के तत्वावधान में चल रहे तर्पण अनुष्ठान में व्यक्त किए। प्रारंभ में दिगम्बर पोरवाड़ जैन समाज के अध्यक्ष निमिष जैन, समिति के संस्थापक अध्यक्ष मोहनलाल सोनी, संयोजक हरि अग्रवाल, राजेन्द्र गर्ग, डॉ. चेतन सेठिया, आशीष जैन, मुरलीधर धामानी, विनय जैन, माणकचंद पोरवाल, हरिनारायण विजयवर्गीय। जगमोहन वर्मा, राजेन्द्र सोनी, उमेश गहलोत, जवाहरलाल शर्मा, भगवती प्रसाद कुमावत, पुरुषोत्तम मेढ़तवाल, आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। आरती में लक्ष्मी गर्ग, ए.के. पुंडरिक, गिरधऱ सोनी, राजकुमारी मिश्रा, विनिता शर्मा सहित तर्पण अनुष्ठान में शामिल सभी साधकों ने भाग लिया।
:: शहीदों, गोवंश एवं स्वतंत्रता सेनानियों के लिए भी किया तर्पण ::
आज भी तर्पण अनुष्ठान में देश के लिए शहीदों, गोवंश, होल्कर शासकों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लिए भी मोक्ष की कामना की गई। तर्पण में 450 से अधिक साधकों ने भाग लिया। तर्पण के बाद निर्धनों, पशु-पक्षियों के लिए खीर प्रसाद की व्यवस्था भी यहां रखी गई है। साधकों के लिए तर्पण सामग्री, दूध, दुर्वा, तिल, जौ, पुष्प एवं जनेऊ सहित सभी सामग्री समिति की ओर से दी जा रही है। संचालन हरि अग्रवाल ने किया और आभार माना राजेंद्र गर्ग ने।
समिति के अध्यक्ष मोहनलाल सोनी, संयोजक हरि अग्रवाल एवं राजेंद्र गर्ग ने बताया कि श्राद्ध पक्ष में 14 अक्टूबर सर्वपितृ अमावस्या तक प्रतिदिन सुबह 8 से 10 बजे तक तर्पण अनुष्ठान जारी रहेगा। आम श्रद्धालु यहां आकर निःशुल्क तर्पण कर सकेंगे। तर्पण मे प्रयुक्त सभी सामग्री की व्यवस्था समिति द्वारा की जा रही है। इस दौरान 7 से 13 अक्टूबर तक पितृ मोक्षदायी भागवत कथा भी आचार्य पं. पवन तिवारी के श्रीमुख से प्रतिदिन दोपहर 2 से 5 बजे तक होगी। जिन परिजनों को अपने पितरों के निधन की तिथि ज्ञात है, वे उस तिथि के दिन प्रातः 7.30 बजे तक घर से स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनकर हंसदास मठ पहुंच जाएं जहां समिति की ओर से सभी व्यवस्थाएं रखी गई हैं। जिन्हें अपने पितरों की मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं है, वे सर्वपितृ अमावस्या पर शामिल हो सकते हैं।