मालदीव में रुकने वाले चीन के जासूसी जहाज पर नजर रखेगा भारत

नई दिल्ली । चीन के साथ साथ अब मालदीव से भी भारत के रिश्ते अच्छे नहीं रहे। अब यही दोनों देश दोस्त होने के दावे कर रहे हैं। हालांकि ये चंद दिनों के स्वार्थ हैं इसके बाद ये याराना नहीं चलेगा। इसी बीच खबर आ रही है कि चीन के जासूसी जहाज ‘शियांग यांग होंग 3’ को माले सरकार ने ऐसे समय पर बंदरगाह पर ठहरने की अनुमति दी है इसको लेकर भारत ने बुधवार को कहा कि जहाज ‘शियांग यांग होंग 3’ की हम निगरानी करेंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में ‘शियांग यांग होंग 3’ पर नजर रखेगा। ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि जहाज मालदीव के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक ज़ोन में अनुसंधान से जुड़ी कोई गतिविधि नहीं कर सके। हालांकि मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन का पोत ‘शियांग यांग होंग 3’ मालदीव के जलक्षेत्र में रहते हुए कोई अनुसंधान कार्य नहीं करेगा, लेकिन न्यूज एजेंसी पीटीआई ने भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत जहाज की आवाजाही पर कड़ी नजर रख रहा है।
चीनी जहाज को अनुमति भारत और मालदीव के बीच संबंधों में तनाव के बीच दी गई है। मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने सत्ता में आने और पदभार संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत चीन की यात्रा की थी। परंपरागत रूप से मालदीव के राष्ट्रपति अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत भारत की यात्रा करते रहे हैं। चीन का जलपोत माले सरकार की अनुमति मिलने के बाद ईंधन भरने के लिए मालदीव के एक बंदरगाह पर ठहरेगा। मालदीव के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार (23 जनवरी) को एक बयान में कहा कि चीन की सरकार ने ‘पोर्ट कॉल’ के लिए आवश्यक मंजूरी के वास्ते राजनयिक अनुरोध किया था। ‘पोर्ट कॉल’ का अर्थ है- यात्रा के क्रम में किसी जहाज का बंदरगाह पर कुछ देर रुकना। मालदीव के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘इस तरह के पोर्ट कॉल न केवल मालदीव और उसके साझेदार देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार करते हैं, बल्कि मित्रवत देशों से आने वाले जहाजों का मालदीव के लोगों के स्वागत करने की सदियों पुरानी परंपरा को भी प्रदर्शित करते हैं।’’