भोपाल । मप्र राज्य सूचना आयोग ने एक प्रकरण में लगातार आदेशों की अवेहलना पर ग्वालियर नगर पालिका निगम के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को दस्तावेज पेश करने के लिएफ़रवरी में एक और अंतिम मौका दिया है। इसके बाद भी अगर जानकारी नहीं मिली तो सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने जारी आदेश में अधिकारी के विरुद्ध जमानती वारंट जारी करने की कार्रवाई के लिए कहा है।
- पेमेंट के लिए परेशान ठेकेदार ने लगाई आरटीआई
भोपाल के विमल जैन ने ग्वालियर नगर पालिका निगम में दो आरटीआई दायर कर अपने बिल के भुगतान संबंधी जानकारी मांगी थी। विमल जैन का कहना है, कि उन्होंने ग्वालियर नगर निगम में ठेकेदार के रूप में 20 साल पहले काम किए थे। तब से लेकर अब तक उनके किए गए काम का पूरा पेमेंट उन्हें नहीं दिया गया। विमल जैन कहा कि उनके द्वारा जब पेमेंट शुरुआती दौर में मांगने की कार्रवाई की गई तो उन्हें विभाग से जुड़े हुए कुछ असामाजिक तत्वों ने धमकाना भी शुरू कर दिया था। आयोग के समक्ष सुनवाई में जैन ने कहा कि पेमेंट नहीं मिलने की वजह से उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब हो गई और उन्हें ग्वालियर छोड़कर भोपाल में रहना पड़ रहा है। लगातार ग्वालियर नगर निगम कार्यालय भी उन्हें पेमेंट देने के लिए पत्राचार भी कर रहा है। पर विमल जैन जब भी ग्वालियर कार्यालय जाते हैं, तो उन्हें सहयोग नहीं किया जाता है, और अधिकारी फाइल या दस्तावेज नहीं मिलने की बात करके उन्हें टरका देते हैं। - दस्तावेज देने के सभी आदेश बेअसर
सितंबर 2022 में जैन ने आरटीआई लगाकर के जानकारी मांगी थी, लेकिन लोक सूचना अधिकारी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ग्वालियर नगर निगम ने जानकारी नहीं दी। बाद में प्रथम अपीलीय अधिकारी आयुक्त नगर पालिका निगम ग्वालियर ने सात दिनों में जानकारी देने की आदेश जारी किया उसके बावजूद भी जानकारी विमल जैन को नहीं मिली। इसके बाद राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने ग्वालियर नगर पालिका निगम के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को बीते दो सालो में चार बार विमल जैन से जुड़े सभी दस्तावेज आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए कहा। पर इसके बावजूद कोई भी दस्तावेज ग्वालियर नगर निगम ने आयोग के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया। - जानकारी नहीं तो जारी होगा जमानती वारंट
राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने जारी आदेश में कहा कि सूचना आयोग के आदेशों की लगातार अवहेलना गंभीर विषय है। सिंह ने एक और आगामी 5 फरवरी 2024 को अंतिम मौका देते हुए ग्वालियर नगर निगम को जानकारी आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए दिया है। साथ ही राहुल सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि सूचना आयोग का आदेश संबंधित अधिकारी पर बंधनकारी है, और लगातार आदेश की अवेहलना से स्पष्ट है, कि अधिकारी जानबूझकर जानकारी को छुपाना चाहते हैं। सिंह ने कहा है, कि अगर आगामी तिथि में भी आयोग के आदेश की अवमानना करते हुए जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई तो आयोग दस्तावेज आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए जमानती वारंट संबंधित अधिकारी के विरुद्ध जारी करने की प्रक्रिया शुरू करेगा।
जुनेद / 27 जनवरी