इन्दौर । नवलखा स्थित मनकामेश्वर कांटाफोड़ शिव मंदिर पर चल रहे चार दिवसीय शिवरात्रि महोत्सव के दूसरे दिन बुधवार को सैकड़ों भक्तों ने दूल्हा बने भगवान शिव को मेहंदी लगाई। मंदिर पर गुरुवार को उबटन-लेपन की रस्म संपन्न होगी। महाशिवरात्रि के मुख्य पर्व पर 8 मार्च कोलकाता से आए 10 कलाकारों द्वारा पिछले दस दिनों की लगातार मेहनत से तैयार सतरंगी महल की पर्ण कुटी में विराजित भगवान भोलेनाथ और श्रीराम दरबार की झांकी तथा प्रभु राम द्वारा भोलेनाथ के महाभिषेक की झांकी के दर्शन होंगे। यह दिव्य झांकी पहली बार 10 क्विंटल घास (खस) एवं 5 क्विंटल फूल-पत्तियों से बनाई जा रही है।
मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विष्णु बिंदल, टीकमचंद गर्ग, संयोजक बी.के. गोयल एवं सचिव अजय खंडेलवाल ने बताया कि मंदिर की भक्त मंडली द्वारा बुधवार को सुबह से मेहंदी लगाने की रस्म शुरू हुई, जो दोपहर तक चलती रही। दोपहर में दूल्हा बने भगवान शिव को पंचामृत से अभिसिक्त किया गया। भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था। मेहंदी लगाने के दौरान भक्तों ने कई बार भगवान भोलेनाथ के जयघोष से मंदिर परिसर को गुंजायमान बनाए रखा। भक्तों ने भगवान के त्रिशूल और डमरू को भी मेहंदी लगाई। गुरुवार 7 मार्च को सुबह 10 बजे से उबटन-लेपन की रस्म प्रारंभ होगी। महाशिवरात्रि के मुख्य महापर्व पर 8 मार्च को दोपहर में शिवजी को केसर जल से स्नान कराया जाएगा । राज्य के नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, विधायक गोलू शुक्ला सहित अनेक राजनेता अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
शुक्रवार संध्या को सतरंगी महल की पर्ण कुटी में विराजित भगवान भोलेनाथ एवं राम दरबार की जीवंत झांकी के साथ ही भगवान राम द्वारा भोलेनाथ के महाभिषेक की झांकी के दर्शन होंगे। बंगाल से आए कलाकार जयदीप मेतेई और उनके 10 साथी कलाकार पिछले दस दिनों से इस झांकी का निर्माण कर रहे है। झांकी में 10 क्विंटल घांस (खस) एवं 5 क्विंटल फूल-पत्तियों का प्रयोग किया गया है। भक्तों को झांकी दर्शन के बाद प्रसाद का वितरण किया जाएगा। गर्भगृह के चारों ओर दूधिया रोशनी में इस झांकी के दर्शन करना एक अलौकिक प्रसंग होगा, क्योंकि शहर में पहली बार किसी शिव मंदिर में इस तरह की झांकी बनाई जा रही है। झांकी के दर्शन सायं 6 बजे से प्रारंभ होंगे। 9 मार्च को सुबह 5 बजे महाकाल की तर्ज पर महाभस्म आरती का दिव्य अनुष्ठान कैलाश विजयवर्गीय के आतिथ्य में होगा।