मीता वशिष्ठ मशहूर नाटक ‘अग्निपंख’ में अभिनय कर रही हैं, जहाँ वे एक सामंती कुलमाता की भूमिका निभा रही हैं
मराठी नाटककार प्रभाकर लक्ष्मण मयेकर का नाटक ‘अग्निपंख’ मातृसत्ता की एक कहानी के माध्यम से स्वतंत्रता के बाद के भारत की सामाजिक उथल-पुथल को दर्शाता है। ज़ी थिएटर के इस टेलीप्ले में प्रसिद्ध अभिनेत्री मीता वशिष्ठ एक सामंती कुलमाता का किरदार निभा रही हैं, जो परिवर्तन की शक्तिशाली हवाओं के सामने टिके रहने की कोशिश कर रही है। ‘बाईसाहब’ की भूमिका निभाने वाली मीता का कहना है कि इस तरह के किरदार अक्सर नहीं लिखे जाते।
वे आगे कहती हैं, “दुर्गेश्वरी जैसी शक्तिशाली महिला नायिका का मिलना दुर्लभ है। वे एक ऐसी महिला हैं, जिनके कई पहलू और गहराइयाँ हैं और वे ही हैं, जो कहानी को आगे बढ़ाती हैं।”