नियंत्रण से बाहर नैनीताल की आग: रिहायशी इलाको में दहशत, हेलीकॉप्टर बुलाने की तैयारी

नैनीताल । जिला मुख्यालय से लगे जंगल में आग इतनी भड़क गई है कि उसे नियंत्रित करना बेहद कठिन हो रहा है। आग की लपटें नैनीताल की हाईकोर्ट कॉलोनी तक पहुंच गई है। इससे रिहायशी इलाकों में दशहत का माहौल देखा जा रहा है। आग पर नियंत्रण के लिए वनकर्मी, सेना और स्थानीय प्रशासन के लोग जुटे हुए हैं। इसके बाद भी आग लगातार भड़क रही है। यदि स्थिति नियंत्रण से बाहर हुई तो आग को बुझाने के लिए हेलीकॉप्टरों को भी लगाया जा सकता है।
नैनीताल प्रशासन ने आग बुझाने के लिए 42 कर्मियों को तैनात किया है। नैनीताल के डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर चंद्रशेखर जोशी ने बताया, हमने आग बुझाने के लिए मनोरा रेंज के 40 कर्मियों और दो वन रेंजरों को तैनात किया है।उत्तराखंड के वन विभाग ने कहा है कि 24 घंटों में राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में जंगल में आग लगने की 26 और गढ़वाल क्षेत्र में पांच घटनाएं सामने आईं। आग के कारण 33.34 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नैनीताल जिला मुख्यालय के पास लगी आग से पाइंस इलाके में स्थित हाई कोर्ट कॉलोनी के निवासियों के लिए खतरा पैदा हो गया है। इससे यातायात भी बाधित हुआ। स्थानीय निवासी ने बताया, आग ने पाइंस के पास स्थित एक पुराने और खाली घर को अपनी चपेट में ले लिया है। इससे हाईकोर्ट कॉलोनी को कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन यह खतरनाक रूप से इमारतों के करीब पहुंच गई है। बीती शाम से आग पर काबू पाने के प्रयास किए जा रहे हैं।पाइंस इलाके के पास सेना के संवेदनशील ठिकानों तक आग पहुंचने की आशंका है। जंगल में लगी आग के कारण नैनीताल जिला प्रशासन ने नैनी झील में बोटिंग करने पर भी रोक लगा दी है।
उत्तराखंड के अधिकारियों ने जखोली और रुद्रप्रयाग में जंगल में आग लगाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया। रुद्रप्रयाग के डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर अभिमन्यु ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि जंगल की आग को रोकने के लिए गठित टीम द्वारा यह कार्रवाई की गई। गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक जखोली के तड़ियाल गांव का नरेश भट्ट था, जो जंगल में आग लगाते हुए पकड़ा गया था। कथित तौर पर उसने आग इसलिए लगाई ताकि उसकी भेड़ों को नई घास मिल सके। वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रशासन को अलर्ट पर रहने और जंगल की आग को रोकने के लिए उपाय करने को कहा है। बता दें कि पिछले साल 1 नवंबर से राज्य में जंगल में आग लगने की कुल 575 घटनाएं सामने आई हैं, जिससे 689.89 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ और राज्य को 14 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।