उत्तराखंड के जंगलों में आग लगाने वालों को रंगे हाथ पकड़ा, आरोपियों में नेपाली मजदूर भी शामिल

पौंड़ी । भूमि संरक्षण वन प्रभाग लैंसडौन के वनकर्मियों ने जंगल में आग लगाते हुए एक नेपाली मजदूर को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है। उसके तीन अन्य साथियों ने भी आरोपी के खिलाफ बयान दिए हैं। भूमि संरक्षण वन प्रभाग लैंसडौन के जयहरीखाल रेंज अधिकारी बीडी जोशी ने बताया कि रविवार को वनकर्मी कुल्हाड़ के नापखेतों में लगी आग बुझाने के बाद वापस लौट रहे थे। इस दौरान एक व्यक्ति कुल्हाड़ मोड़ के समीप सड़क किनारे जंगल में आग लगा रहा था। वनकर्मियों ने उसे आग लगाते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया। उसके हाथ में गैस लाइटर भी था। जबकि घटनास्थल से कुछ दूरी पर ही उसके तीन अन्य साथी पाइपलाइन बिछाने का कार्य कर रहे थे।
डीएफओ गढ़वाल वन प्रभाग स्वप्निल अनिरूद्ध ने बताया कि रविवार को पौड़ी रेंज के तहत खिर्सू में आरक्षित वनों को आग से बचाने के लिए फॉरेस्टर जगदीश नेगी व उनकी टीम गश्त पर तैनात थी। इसी दौरान टीम को पांच लोगों को खिर्सू के समीप आरक्षित वन में आग लगाते हुए दबोच लिया। विभाग के अनुसार आरोपियों के नाम मोसार आलम, नाजेफर आलम, फिरोज आलम, नुरूल व शालेम है। सभी बिहार के रहने वाले हैं। बताया जा रहा है कि ये खिर्सू के चौबट्टा में रहते हैं और मजदूर हैं। वहीं नैनीताल के जंगल में लगी आग पर सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि हम भारतीय सेना समेत सभी संस्थाओं से मदद मांग रहे हैं। स्थानीय लोगों से भी आग बुझाने के लिए सहयोग करने को कहा जा रहा है। जिम्मेदार पाए गए अधिकारियों की जिम्मेदारी इसमें भी सुधार किया जाएगा।
वनकर्मी चारों को पकड़कर रेंज कार्यालय लैंसडौन लाए। जहां तीनों गवाह राजेंद्र, सतीश कुमार और रंजीत सिंह ने नेपाली मजदूर टेकराम द्वारा जंगल में आग लगाए जाने की बात स्वीकार की। उन्होंने बताया कि चारो को पुलिस के हवाले कर दिया गया है। कोतवाल लैंसडौन मोहम्मद अकरम ने बताया कि जंगल में आग लगाने के आरोपी नेपाली मजदूर टेकराम के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले में जल्द ही अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
आरक्षित वनों में आग लगाने वाले आरोपियों को वन विभाग ने दबोचा है। विभाग के अनुसार इन पांचों को खिर्सू की समीप आरक्षित वन में आग लगाते हुए देखा गया। विभाग आरोपियों को अब कोर्ट में पेश करने की कार्रवाई कर रही है।