पूर्व सीएम बंसीलाल की पुत्रवधु और पोती ने पार्टी को कहा अलविदा
चंडीगढ़ । हरियाणा में कांग्रेस को विधानसभा चुनाव से पहले झटका लगा है। यहां पांच बार की विधायक किरण चौधरी ने पार्टी छोड़ दी है उनकी बेटी श्रुति चौधरी ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है। किरण चौधरी हरियाणा के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पुत्रवधू हैं। उनके दिवंगत पति सुरेंद्र सिंह हरियाणा के कृषि मंत्री रहे थे।
जानकारी के मुताबिक किरण चौधरी ने मंगलवार को अपना इस्तीफा कांग्रेस हाईकमान को भेजा दिया है। राजनीतिक हलको में चर्चा है कि किरण बीजेपी में शामिल हो सकती हैं। चौधरी बंसीलाल को हरियाणा का निर्माता कहा जाता है और उनका खासा प्रभाव हरियाणा में है। इसके अलावा एक अलग वोट बैंक केवल भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र में ही नहीं बल्कि समूचे हरियाणा में पाया जाता है। किरण चौधरी के बीजेपी में जाने से जहां बीजेपी को भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा के नौ विधानसभा क्षेत्रों में मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, हिसार-फतेहाबाद समेत पूरे हरियाणा में फायदा भी होगा। वह हरियाणा के तीन लालों की विरासत लेकर साथ चल रही हैं।
यह पहला मौका होगा जब हरियाणा के तीनों लाल बंसीलाल, देवीलाल और भजनलाल के बेटे और बहू कांग्रेस छोड़ चुके हैं। काफी समय तक इन तीनों लालों ने हरियाणा पर राज किया है। अब यह तीनों लाल का परिवार बीजेपी में शामिल हो गया है। देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला बीजेपी में हैं। भजनलाल के बेटे-बहू कुलदीप बिश्नोई, रेणुका बिश्नोई और भव्य बिश्नोई भी बीजेपी ज्वाइन कर चुके हैं। वहीं अब बंसीलाल की बहू और पोती किरण चौधरी और श्रुति चौधरी भी बीजेपी में जाने की तैयारी में हैं।
बता दें किरण चौधरी कांग्रेस की नेता थी। वह नेता प्रतिपक्ष भी रहीं लेकिन भूपेंद्र हुड्डा से उनकी पटरी नहीं बैठ पा रही थी। किरण चौधरी एसआरके गुट से थी। एसआरके यानी शैलजा, सुरजेवाला और किरण. बड़ी बात है कि किरण अपनी बेटी के लिए हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में टिकट मांगा था, लेकिन कांग्रेस ने राव दान सिंह को टिकट दिया था। किरण चौधरी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर कहा कि हरियाणा में एक परिवार कांग्रेस को पर्सनल प्रॉपर्टी समझता है। उन्होंने कहा कि उन्हें बेइज्जत भी किया गया। उन्होंने इस्तीफा देने के पीछे बिना नाम लिए पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जिम्मेदार बताया। उधर, हरियाणा के कांग्रेस के कई कद्दावर नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप लगाकर पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। इसी फेहरिस्त में राव इंद्रजीत सिंह, चौधरी बीरेंद्र सिंह, चौधरी धर्मवीर सिंह, रमेश कौशिक अशोक तंवर, रणजीत चौटाला, नवीन जिंदल और सावित्री जिंदल के नाम प्रमुख हैं।