नई दिल्ली । हुण्डई मोटर कंपनी अपने कारोबार को भारत में सूचीबद्ध कराने पर विचार कर रही है। इससे उत्साहित होकर कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने भारतीय कारोबार को स्टॉक एक्सचेंज पर लाने की सोच रही हैं। सूत्रों ने कहा कि करीब आधा दर्जन बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ उनकी बातचीत चल रही है। वे अपनी कीमत बढ़ाने और रकम जुटाने में मूल कंपनी की मदद करने के लिए भारत में सूचीबद्ध होने की तैयारी कर रही हैं। उन्होंने यह नहीं बताया कि किन कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है लेकिन संकेत दिया कि हुण्डई की इस पहल पर कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां नजर जमाए हुए हैं।
हुण्डई इंडिया के शुरुआती आईपीओ के लिए काम करने वाले एक निवेश बैंकर ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि आईपीओ के लिए कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ बातचीत हुई है। भारतीय बाजार अधिक मूल्यांकन, जबरदस्त नकदी प्रवाह और सभी प्रकार के निवेशकों तक पहुंच प्रदान करते हैं। हुण्डई का आईपीओ अन्य संभावित बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आईपीओ के लिए एक कसौटी साबित होगा। हुण्डई मोटर कंपनी ने पिछले सप्ताह अपनी भारतीय इकाई हुण्डई मोटर इंडिया में 17.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास निर्गम दस्तावेज जमा कराए थे। कंपनी का आईपीओ 25,000 करोड़ रुपए का होगा जो भारतीय बाजार में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। खबरों में कहा गया है कि दक्षिण कोरिया की प्रमुख होम अप्लायंस कंपनी एलजी भी अपनी भारतीय इकाई एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया को सूचीबद्ध कराने की संभावनाएं तलाश रही है।
भारत में कारोबार करने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों में रूस की कंपनी नयारा एनर्जी, सैमसंग इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स, आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर शामिल हैं। बाजार प्रतिभागियों ने कहा कि पांच लाख करोड़ डॉलर के भारतीय बाजार में पेशकश किया गया मूल्यांकन कोरिया, रूस और यूरोप के मुकाबले करीब दो से पांच गुना अधिक है। सेंट्रम कैपिटल के पार्टनर ने कहा कि आम तौर पर बहुराष्ट्रीय कंपनियां और विशेष रूप से पश्चिमी देशों की बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने घरेलू बाजार के बाहर सूचीबद्ध होना नहीं चाहती हैं। लेकिन भारत में ज्यादा मूल्यांकन के मद्देनजर वे इस पर नए सिरे से विचार कर रही हैं।