गंगा में स्नान की तरह गोशाला में प्रवेश मात्र से भी पापकर्मों से मुक्ति संभव : स्वामी रामदयाल महाराज –

:: जगदगुरू ने अहिल्या माता गोशाला में पहुंचकर किया गोदान, गोसेवा करने वाले कर्मियों को दिए पुरस्कार ::
इन्दौर। अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज ने गुरुवार को केशरबाग रोड स्थित अहिल्या माता गोशाला का अवलोकन कर गोदान भी किया और गोशाला के कर्मचारियों को पुरस्कार स्वरूप धन राशि एवं प्रसाद भी भेंट किए। इस मौके पर गोवंश को 56 भोग समर्पित करने के बाद उन्होंने कहा कि जैसे गंगा में स्नान करने से मनुष्य को अपने पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है, उसी तरह गोशाला में प्रवेश करने मात्र से हमारे पाप कर्म नष्ट हो जाते हैं। गोसंवर्धन का महत्व तो अपनी जगह पर है, लेकिन गो संरक्षण ज्यादा महत्वपूर्ण सेवा है।
जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज गुरुवार सुबह अहिल्या माता गोशाला पहुंचे, जहां उन्होंने गोशाला का पूरी तरह से अवलोकन किया। गोवंश के लिए 56 भोग परोसे, अपने हाथों से गोवंश को गुड़, दलिया एवं हरे चारे के लड्डू खिलाए और सप्त गोमाता मंदिर में स्थापित लड्डू गोपाल का पूजन भी किया। उन्होंने करीब एक घंटे तक गोशाला में भ्रमण के बाद गोशाला परिसर में धर्मसभा में कहा कि जहां गोमाता की सेवा होती है, वहां बुरे विचार प्रवेश ही नहीं कर सकते। यहां के वे कर्मचारी और गोसेवक धन्य हैं, जो पूरी लगन और निष्ठा के साथ पसीने से लथपथ होकर भी अपना सेवा धर्म नहीं छोड़ते। भगवान कृष्ण ने जब पूतना जैसी राक्षसिनी का वध किया तो उस पाप से मुक्त होने के लिए उन्हें गोमूत्र का स्पर्श कराया गया था। आजकल मेकअप करने वाली महिलाओं को समझ लेना चाहिए कि गोमूत्र के स्पर्श मात्र से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। प्रारंभ में गोशाला प्रबंध समिति की ओर से सचिव पुष्पेन्द्र धनोतिया, संयोजक सी.के. अग्रवाल, राधेश्याम शर्मा, रामेश्वर असावा, देवेन्द्र मुछाल, ओमप्रकाश पसारी, महेन्द्र जैन, गोपाल नीमा, संदीप महाजन आदि ने जगदगुरू की अगवानी कर उनका स्वागत किया। सचिव धनोतिया ने गोशाला में किए जा रहे सेवा कार्यों एवं दिवंगत अध्यक्ष रवि सेठी द्वारा किए गए कार्यों का ब्यौरा प्रस्तुत किया।
जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज ने गोदान का महत्व तो बताया ही, गोभूमि और गोसेवा का महत्व और गर्भधारण के संस्कार का महत्व, गो स्पर्श का महत्व भी बताया। उन्होंने सभी गोभक्तों को गाय की नियमित सेवा करने का संकल्प भी दिलाया। संचालन पुष्पेन्द्र धनोतिया ने किया और आभार माना सी.के. अग्रवाल ने।