सुप्रीम कोर्ट ने सुनी मनीष सिसोदिया की दलील, ईडी-सीबीआई से मांगा जवाब
नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद ईडी और सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई तय की है। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कथित शराब घोटाले से जुड़े सीबीआई और ईडी मामले में जमानत की मांग की है। उन्होंने इसके लिए ट्रायल की गति धीमी होने की दलील दी।
जस्टिस संजय करोल, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने मनीष सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई की। बार एंड बेंच के मुताबिक सिसोदिया की ओर से वकील विवेक जैन ने कहा कि ट्रायल की गति धीमी है। कोर्ट ने आदेश दिया था कि यदि इसमें मेरी गलती नहीं तो मैं सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकता है। मैं 16 महीने से जेल में हूं और ट्रायल की गति अभी भी वही है जो अक्टूबर 2023 में थी। यह एनडीपीएस केस जैसा नहीं है और देरी पर ध्यान दिया जाए मीलॉर्ड।
बेंच ने ईडी और सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है साथ ही इस मामले को 29 जुलाई को सुनवाई करने को कहा है। वकील विवेक जैन ने शॉर्ट नोटिस की मांग करते हुए कहा कि सिसोदिया लंबे समय से जेल में हैं। कोर्ट ने 29 जून को ही सुनवाई की बात कही थी। सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को पूछताछ के बाद सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद 9 मार्च 2023 को ईडी ने भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया। तब से सिसोदिया जेल में बंद हैं। निचली अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक उनकी जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया गया है।
मनीष सिसोदिया दिल्ली के शिक्षा मंत्री के साथ आबकारी विभाग का जिम्मा भी संभाल रहे थे। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बनी शराब नीति को लेकर ईडी और सीबीआई का दावा है कि गलत तरीके से शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया गया और बदले में उनसे रिश्वत ली गई। हालांकि, दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी आरोपों को झूठा और राजनीतिक बताती रही है। इसी मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी जेल में बंद हैं।