देश में हुनर की कोई इज्जत नहीं
प्रयागराज । नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि धोबी, मोची और बढ़ई का देशभर में नेटवर्क है। इनके हाथों में जबरदस्त स्किल और ताकत है। इनसे हाथ मिलने से ही हवा निकल जाती है। राहुल शनिवार को प्रयागराज पहुंचे और संविधान का सम्मान और उसकी रक्षा कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने, सुल्तानपुर के मोची रामचैत की कहानी सुनाई। बताया कि उनके हाथों में जबरदस्त हुनर है। वे 40 सालों से मोची का काम कर रहे हैं। लेकिन, उनका कोई सम्मान नहीं करता है।
राहुल ने कहा, मोदी जी को मैंने सुना आधा घंटा बोले। उनसे मैंने सवाल पूछा। आप आईटीआई में बढ़ई तैयार कर रहे हो। देश में लाखों बढ़ई हैं, उनसे आप क्यों नहीं तैयार करवा रहे हो। आपको नाई तैयार करना है तो यूपी के नाई से बोल दीजिए वो अपने दुकान में नाई की ट्रेनिंग दे देगा। देश मे दस लाख नाई तैयार करने हैं तो देश के नाई को पकड़ो, उससे कहो लो भइया नाई तैयार करो। 6 महीने में लाखों नाई तैयार हो जाएंगे।
मोदीजी मुझ पर देश बांटने का आरोप लगाते हैं
राहुल ने कहा, मैंने मिस इंडिया की लिस्ट निकाली। मैंने कहा भइया इसमें एक दलित महिला तो होगी, आदिवासी होगी, लेकिन कोई नहीं थी। आपने कभी मीडिया में मोची का इंटरव्यू देखा है। ये बस मेरे चैनल पर आ रहा है। मीडिया में कहते हैं मोदी जी, देश सुपर पावर बन गया। कैसे बन गया? 90 प्रतिशत लोग शामिल ही नहीं हैं। वहीं, 10 लोग बोलते रहते हैं। देश देखता रहता है। मैं कह रहा हूं जाति जनगणना करना है, मीडिया वाले कहते हैं नहीं करना है। मुझे बस डेटा चाहिए। मीडिया और मोदी जी कह रहे हैं कि मैं देश को बांट रहा हूं। जाति जनगणना संविधान को मजबूत करने का काम है। इसको दस प्रतिशत ने नहीं बनाया है। इसको सौ प्रतिशत ने बनाया है। इसकी रक्षा आप लोग करते हो। अडानी जी नहीं करते है। इकॉनोमी सोशल सर्वे कराना चाहता हूं, वो इसकी रक्षा है।
मोची के लिए कोई बैंक नहीं, जो उनका कर्जा माफ करे
राहुल ने कहा, वे (भाजपा) कहते हैं कि देश सुपर पावर बन जाएगा। कैसे सुपर पावर बन जाएगा? 90 प्रतिशत लोग सिस्टम से बाहर बैठे हैं। हमने जाति जनगणना की बात उठाई है। बीजेपी वाले कह रहे हैं कि हम जाति जनगणना करेंगे। उसमें ओबीसी का सेक्शन दे देंगे। लेकिन, जाति जनगणना में सिर्फ ओबीसी लिखने का मतलब नहीं है। अलग-अलग जाति है। हमारे लिए ये पॉलिसी मेकिंग की नींव हैं। जाति जनगणना से आबादी पता लगेगी, जो जरूरी है। भागीदारी से पहले आबादी का पता होना जरूरी है। यह लास्ट कदम नहीं है। यह मेरा विजन नहीं है। मेरा विजन है- देश में धन किस प्रकार से बांटा जा रहा है। ओबीसी के हाथ में कितना। दलितों के हाथ में कितना है। देश के संस्थानों में इनकी कितनी भागीदारी है। हम ये पूछ रहे हैं, सत्तर साल हो गए। संविधान हमारे सामने है। इसका हमारे समाज पर कितना असर पड़ा है। अगर उद्यागपतियों की लिस्ट निकालूं तो एक भी बड़े उद्योगपति नहीं हैं। उद्योग में ही नहीं, मीडिया जगत में भी दलित नहीं है। एक भी दलित एंकर का नाम बता दीजिए। 70 प्रतिशत आबादी ओबीसी और दलित है। मीडिया में जीरो। कार्पोरेट में जीरो। पूरा बैंकिंग सिस्टम मोदी ने 16 लाख करोड़ रुपए 25 लोगों का कर्जा माफ किया। इसमें कोई दलित नहीं है। मोची के लिए कोई बैंक नहीं है, जो कर्जा माफ करे।