भारतीय रेलवे इंजीनियर्स दुनिया के बेहतरीन इंजीनियर: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव

आईपीडब्ल्यूई गांधीनगर 2024 के दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ
गांधीनगर | रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे इंजीनियर्स दुनिया के बेहतरीन इंजीनियर हैं| यह इससे पता चलता है कि जब भी जटिलतम प्रोजेक्ट करना होता है तब रेलवे की बात आती है| अश्विनी वैष्णव गुजरात के गांधीनगर में आयोजित आईपीडब्ल्यूई के दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार के उदघाटन के अवसर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे| दरअसल गुजरात की राजधानी गांधीनगर के महात्मा मंदिर स्थित कन्वेंशनल सेंटर में इंस्टीट्यूशंस आफ परमानेंट वे इंजीनियर्स आईपीडब्ल्यूई -गांधीनगर 2024 के दो दिवसीय सेमिनार की शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईपीडब्ल्यूई के संरक्षक एवं रेलवे बोर्ड के सदस्य इंफ्रास्ट्रक्चर अनिल कुमार खंडेलवाल थे। इस अवसर पर कार्यक्रम की मेजबानी कर रहे पश्चिम रेलवे के प्रमुख मुख्य इंजीनियर अमित गुप्ता ने बताया कि यह आईपीडब्ल्यूई का 30वां सेमिनार है जो गांधीनगर गुजरात में आयोजित की जा रही है, यह पश्चिम रेलवे का सौभाग्य है कि हमें इस गौरवपूर्ण अंतरराष्ट्रीय आयोजन की मेजबानी करने का अवसर मिल रहा है। यह सेमिनार सिविल इंजिनियरिंग के क्षेत्र में विभिन्न स्तरों पर आईडिया एक्सचेंज करने एवं अपने नॉलेज व अनुभवों को साझा करने का एक महत्वपूर्ण फोरम है। रेल पथ इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नई तकनीक एवं आधुनिकरण के युग में , जिसमें ब्रिज इंजीनियरिंग रेल पथ इंजीनियरिंग सहित प्रोजेक्ट प्लानिंग में उनको मूर्त रूप देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। इस सेमिनार में रेलवे इंजीनियर्स द्वारा उनके क्षेत्र की उन सभी संबंधित समस्याओं एवं चैलेंज जिनका सामना वे कर रहे हैं, उस पर विस्तृत रूप से चर्चा की जा रही है।
इस अवसर पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दिए गए अपने शुभकामना सन्देश में उन्होंने इस सेमिनार की सफलता की कामना करते हुए बताया कि भारतीय रेलवे के इंजीनियर्स दुनिया के सर्वश्रेष्ठ इंजीनियर्स में से है और जब भी देश में जटिलतम प्रोजेक्ट को करना होता है तो रेलवे की बात आती है। रेलवे गरीब व मध्यम वर्ग के साथ साथ जन जन की सवारी है। ऐसे में हम कैसे नई टेक्नोलॉजी व नई फैसिलिटी लाए और इसमें ट्रैक से संबंधित जो इनोवेशन करने हैं, वह बहुत ही महत्वपूर्ण है।
मुख्य अतिथि के रूप में अपने उद्बोधन में रेलवे बोर्ड के मेंबर इंफ्रास्ट्रक्चर अनिल कुमार खंडेलवाल ने कहा कि भारतीय रेलवे तेजी से विकास की ओर अग्रसर है जिसमें आधुनिक ट्रैक स्ट्रक्चर, आरओबी व आरयूबी का तेजी से निर्माण करना और नई रेलवे कॉरिडोर की प्लानिंग में उनको मूर्त रूप देना हमारी प्राथमिकता है। भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है। जहां दो करोड़ यात्री व 5 मिलियन टर्न कार्गो प्रतिदिन परिवहन किया जाता है एवं 8000 रेलवे स्टेशनों को जोड़ती 20000 ट्रेने प्रतिदिन चलाई जाती है। यह न केवल देश की जीवन रेखा है बल्कि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी है। देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने में भारतीय रेलवे एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है, जिसमें नेटवर्क का विस्तार करना तथा 2030 तक 3000 मिलियन टन माल परिवहन करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि सेफ्टी हमेशा हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए एवं हमें सेफ्टी फर्स्ट ऑलवेज फर्स्ट के स्लोगन को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए।
। इस वर्ष की सेमिनार के लिए जो विषय चयनित किए गए हैं, उनमें आरओबी व आरयूबी का तेजी से निर्माण करना ताकि लेवल क्रासिंग को हटाया जा सके। फास्ट ट्रेक डिलीवरी आफ प्रोजेक्ट विषय पर सफल केस स्टडी पर विचार विमर्श करना जैसे महत्वपूर्ण विषय सम्मिलित है। साथ ही एलिवेटेड कॉरिडोर (एलिवेटेड स्टेशन सहित) की परियोजनाओं को साकार करना जिसमें 250 kmph की गति की संभावना हो। यह सभी बिंदु वर्तमान में समकालीन एवं महत्वपूर्ण है जिस पर तकनीकी चर्चा इस सेमिनार के दौरान की जाएगी। यह सेमिनार दैनिक कार्य के दौरान आने वाली तकनीकी समस्याओं व पहलुओं व उन पर भी बेहतर रणनीति बनाने में व उनके क्रियान्वयन में मदद करेगी।
इस सेमिनार में आईपीडब्ल्यूई के अध्यक्ष व रेलवे बोर्ड में एडिशनल मेंबर सिविल इंजीनियरिंग, बृजेश गुप्ता, इरीसेन पुणे के डायरेक्टर जनरल एस के झा, उपाध्यक्ष व रेलवे बोर्ड के प्रमुख एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ब्रिज रविंद्र गोयल, जनरल सेक्रेटरी व प्रमुख मुख्य इंजीनियर उत्तर रेलवे बीपी सिंह सहित संस्था के अन्य पदाधिकारी गण डीआरएम अहमदाबाद डिवीज़न सुधीर कुमार शर्मा तथा देश भर से विभिन्न रेलों के वरिष्ठ रेलवे इंजीनियर्स ने भाग लिया।