देवा पारदी हत्याकांड: तीन फूल वाला टीआई सहित 7-8 पुलिसकर्मियों पर गैर इरातन हत्या का मामला दर्ज_ _

गुना-l छोटी कनारी बापूड़ा का चक निवासी देवा पारदी की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की जांच रिपोर्ट आने के बाद म्याना थाने में तीन फूल वाला टीआई सहित 7-8 पुलिसकर्मियों पर गैर इरातन हत्या सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है। संभवत: जांच रिपोर्ट में नाम आने के मद्देनजर एसपी संजीव कुमार सिन्हा द्वारा म्याना थाना प्रभारी संजीत मावई को हटाकर लाईन अटैच किया था। दरअसल 14 जुलाई को देवा पिता राधेश्याम पारदी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। पुलिस ने म्याना थानांतर्गत हुई चोरी के मामले में उसे उठाया था। परिजनों के अनुसार 14 जुलाई को ही उसकी शादी थी। उसकी बारात गांव से गुना शहर के गोकुल सिंह चक्क पर आने वाली थी। उसके हाथों में मेहंदी लगी हुई थी। घर में शादी के कार्यक्रम चल रहे थे। इसी दौरान शाम लगभग 4:30 बजे पुलिस गांव में पहुंची और किसी डकैती के संबंध में देवा और उसके चाचा गंगाराम को उठाकर ले आई। जिस ट्रैक्टर से से देवा की बारात जानी थी, उसी ट्रैक्टर से पुलिस दोनों को पूछताछ के लिए ले गई। जिसके बाद पीछे-पीछे परिजन भी पुलिस चौकी पहुंचे, तब तक देवा जिंदा था। यहां पुलिस ने परिजनों को बताया कि एक गाड़ी की बरामदगी करनी है, इसलिए उसे लेकर आए हैं। इस दौरान परिजनों ने पुलिस ने देवा को छोडऩे के नाम पर पांच लाख रुपए मांगने के आरोप भी लगाए। लेकिन रविवार देर रात उसकी मौत परिजनों को मिली। जिसकेबाद अस्पताल पहुंचे परिजनों ने जमकर हंगामा किया। मामले में मजिस्ट्रेट जांच बैठी। इस दौरान जांच में लेटलताफी का आरोप लगाते हुए देवा के भाई ने भी जहर खाकर आत्महत्या कर ली। वहीं माकपा सहित अन्य पाॢटयों ने गुना से लेकर गवालियर तक प्रदर्शन जांच में पुलिस अधिकारियों को बचाने और उस पर पर्दा डालने के आरोप लगाए।
फिलहाल भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 196 (1) के प्रावधानों के तहत पुलिस अधीक्षक के प्रतिवेदन पर न्यायिक जाँच न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी द्वारा की गई। जिसमें मृतक की संदिग्ध एवं असामान्य परिस्थितियों में हुई मृत्यु के संबंध में जाँच के दौरान साक्षीगण अंसुरा वाई, निकिता वाई, रमा बाई, गंगू उर्फ गंगाराम पारदी, रामप्रसाद, रामगोपाल पारदी, डक्टर सुनील कुमार दाँगी, घनश्याम, राजू रजक के कथन न्यायालय द्वारा दर्ज किए गए। वहीं मृतक पुलिस बंदी देवा का पोस्टमार्टम मय वीडियोग्राफी के करवाया गया, पंचायतनामा बनाया गया। थाना म्याना के लक-अप व अन्य स्थानों की जाँच की गई एवं वीडियो रिकॉर्डिंग की गई। इसके अलावा झागर चौकी तथा थाना धरनावदा के 13 जुलाई से 15 जुलाई तक के कैमरों की सीसीटीव्ही फुटेज ली गई। वहीं म्याना थाने के 12 जुलाई से 15 जुलाई तक के रोजनामचे व ड्यूटी रजिस्टर तथा चौकी ऊमरी के रोजनामचे व अप.क्र. 232/2024 की केस डायरी के अलावा मृतक की पीएम रिपोर्ट ली। इसके अलावा शासकीय मेडीकल कलेज शिवपुरी से मृतक की हिस्टोपैथोलजीकल रिपोर्ट एवं क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला ग्वालियर से मृतक बंदी की विसरा रिपोर्ट व अन्य रिपोर्ट ली गई। जांच में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मृत पुलिस बंदी देवा उर्फ देवेन्द्र पुत्र राधेश्याम पारदी की पुलिस अभिरक्षा के दौरान मारपीट एवं प्रताडऩा के कारण उसके मानवाधिकारों का उल्लंघन एवं अभिरक्षा के दौरान की गई प्रताडऩा अथवा उपेक्षा के परिणाम स्वरुप मृत बंदी की संदिग्ध एवं असामान्य परिस्थितियों में मृत्यु होना पाया। जांच के आधार पर थाना म्याना के तीन फूल वाले टीआई, व अन्य कुल 7-8 पुलिस कर्मियों के द्वारा थाना म्याना के अप. क्र. 232/2024 धारा 457, 380 भादवि के आरोपी देवा उर्फ देवेन्द्र पुत्र राधेश्याम पारदी की मृत्यु पूछताछ के दौरान की गई मारपीट, प्रताडऩा अथवा उपेक्षा के परिणाम स्वरुप संदिग्ध एवं असामान्य परिस्थितियों में होना पाया गया। प्रथम दृष्टया उपरोक्त पुलिस कर्मियों का कृत्य अपराध धारा 105, 115(2), 3(5) बीएनएस के तहत दण्डनीय पाया जाने से आरोपीगणों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया।